पिथौरागढ़: उत्तराखंड में मानसून की दस्तक से पहले ही लैंडस्लाइड की घटनाएं होने लगी हैं। पिथौरागढ़ में मंगलवार शाम को भूस्खलन हो गया। तब से 300 से ज्यादा लोग रास्ते में फंसे हैं।
ये सभी पर्यटक और श्रद्धालु आदि कैलाश की यात्रा पर निकले थे, लेकिन किसे पता था कि बिन बुलाई आफत आन पड़ेगी। फिलहाल रास्ता नहीं खुला है। हालांकि प्रशासन की ओर से मलबा हटाने का कार्य तेज किया गया है। मलबा शुक्रवार की शाम तक हटाने की बात कही जा रही है। उधर सड़क के फिर से खुलने का इंतजार करते हुए कर्नाटक के 68 वर्षीय राम दास की कार्डियक अरेस्ट से मृत्यु हो गई। राम दास को धारचूला के एक अस्पताल में ले जाया गया था, लेकिन वो बच नहीं सके। बता दें कि सीमांत जिले पिथौरागढ़ में सैकड़ों पर्यटक धारचूला और गुंजी क्षेत्र में आए हुए थे, ताकि वो आदि कैलाश की यात्रा पर जा सकें।
मंगलवार को यहां लखनपुर के पास महत्वपूर्ण लिपुलेख-तवाघाट सीमा सड़क पर लैंडस्लाइड के कारण ट्रैफिक बंद हो गया। तीन दिन बाद भी इस इलाके में कनेक्टिविटी बहाल नहीं हो सकी है। श्रद्धालु रास्ते में फंसे हैं। क्योंकि रोड बंद है, इसलिए फंसे हुए लोगों तक मदद भी नहीं पहुंच पा रही। राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) के जवानों को प्रभावित सड़क के दोनों ओर तैनात किया गया है। एसडीआरएफ के जवानों ने कई फंसे हुए लोगों को एक पुराने पुल के रास्ते से पार करने में मदद की है। यहां करीब 100 मीटर सड़क पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है। बीआरओ कर्मी चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं, ताकि सड़क सके। हालांकि यातायात को फिर से चालू करने में शुक्रवार तक का समय लग सकता है।