भारतीय क्रिकेट के दिग्गज खिलाड़ी हरभजन सिंह ने हाल ही में एक सनसनीखेज बयान दिया है जिसमें उन्होंने कहा है कि वह पिछले 10 सालों से महेंद्र सिंह धोनी से बात नहीं कर रहे हैं। यह बयान क्रिकेट जगत में हलचल मचा रहा है, क्योंकि हरभजन और धोनी ने मिलकर भारत को 2007 में टी20 वर्ल्ड कप और 2011 में वनडे वर्ल्ड कप जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। दोनों खिलाड़ियों के बीच की यह दरार क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक बड़ा आश्चर्य है।
धोनी और हरभजन का क्रिकेट करियर
हरभजन सिंह और एमएस धोनी ने भारतीय क्रिकेट में कई यादगार लम्हे साझा किए हैं। 2007 में जब भारत ने टी20 वर्ल्ड कप जीता, तब हरभजन और धोनी दोनों टीम के महत्वपूर्ण सदस्य थे। इसके बाद 2011 में जब भारत ने वनडे वर्ल्ड कप जीता, तब भी दोनों ने मिलकर टीम को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। लेकिन अब, हरभजन के इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि उनके और धोनी के बीच कुछ ठीक नहीं चल रहा है।
2011 के बाद का सफर
2011 में वर्ल्ड कप जीतने के बाद, हरभजन और धोनी दोनों का क्रिकेट करियर अलग-अलग दिशा में बढ़ा। हरभजन ने 2015 में भारत के लिए आखिरी बार खेला था, जबकि धोनी ने 2019 में अपने अंतरराष्ट्रीय करियर को समाप्त किया। इसके बाद, हरभजन और धोनी आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स के लिए एक साथ खेले, लेकिन इसके बावजूद उनकी व्यक्तिगत बातचीत में कमी आई।
हरभजन का बयान
हरभजन ने एक इंटरव्यू में कहा, “मैं धोनी से बात नहीं करता। जब मैं CSK में खेल रहा था तब हमने कुछ बातचीत की थी, लेकिन इसके अलावा हमने बात नहीं की है। यह 10 साल या उससे ज्यादा हो गए हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि जब वे CSK में थे, तब उनकी बातचीत केवल मैदान तक ही सीमित थी। हरभजन ने यह स्पष्ट किया कि उन्होंने धोनी से कभी फोन पर बात करने की कोशिश नहीं की।
रिश्तों में खटास
हरभजन ने कहा, “मेरे मन में धोनी के खिलाफ कोई नफरत नहीं है। अगर उन्हें मुझसे कुछ कहना है, तो वे मुझे बता सकते हैं। लेकिन अगर उन्होंने कहा होता, तो अब तक वे मुझे बता चुके होते।” यह बयान इस बात का संकेत है कि दोनों के बीच कोई न कोई समस्या जरूर है। हरभजन ने यह भी कहा कि वह उन लोगों के संपर्क में रहते हैं जो उनके दोस्त हैं, लेकिन धोनी के साथ उनका रिश्ता काफी समय से ठंडा पड़ा हुआ है।
क्रिकेट जगत की प्रतिक्रिया
हरभजन के इस बयान पर क्रिकेट जगत में कई प्रतिक्रियाएं आई हैं। कई पूर्व क्रिकेटरों ने इस पर चिंता जताई है और कहा है कि यह एक दुखद स्थिति है। भारतीय क्रिकेट में धोनी और हरभजन जैसे दिग्गजों का एक साथ होना हमेशा से एक सकारात्मक संकेत रहा है। लेकिन अब जब दोनों के बीच बातचीत नहीं हो रही है, तो यह भारतीय क्रिकेट के लिए एक चिंता का विषय है।