भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चल रही पांच मैचों की टेस्ट सीरीज का दूसरा मैच 6 दिसंबर को एडिलेड ओवल में खेला जाएगा। यह मैच डे-नाइट होगा और इसमें पिंक बॉल का उपयोग किया जाएगा। भारत ने अब तक चार डे-नाइट टेस्ट खेले हैं, जिनमें से तीन में उसे जीत मिली है। भारत का आखिरी डे-नाइट टेस्ट 2022 में श्रीलंका के खिलाफ बेंगलुरु में खेला गया था। इस मैच के बाद से भारतीय टीम ने पिंक बॉल से कोई टेस्ट नहीं खेला है।
विराट कोहली का साल 2024
विराट कोहली के लिए यह साल काफी चुनौतीपूर्ण रहा है। उन्होंने इस साल कई मैच खेले हैं, लेकिन उनके लिए रन बनाना आसान नहीं रहा। हालांकि, कोहली की क्षमता बड़े मौकों पर प्रदर्शन करने की है। अगर वह इस टेस्ट सीरीज में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो यह उन्हें 2024 का अंत मजबूती से करने और 2025 में नए जोश के साथ आगे बढ़ने के लिए आत्मविश्वास देगा।
ब्रैडमैन की बराबरी का मौका
विराट कोहली के पास एक खास मौका है। वह डोनाल्ड ब्रैडमैन के बाद किसी एक टीम के खिलाफ 10 या उससे अधिक शतक लगाने वाले दूसरे बल्लेबाज बन सकते हैं। ब्रैडमैन ने इंग्लैंड के खिलाफ 11 शतक बनाए थे, जबकि कोहली के नाम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 10 शतक हैं। अगर कोहली इस टेस्ट में एक और शतक लगाते हैं, तो वह ब्रैडमैन की बराबरी कर लेंगे।
SENA देशों में रिकॉर्ड बनाने का अवसर
इंजमाम उल हक SENA देशों (दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया) में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले एशियाई बल्लेबाज हैं। उनके नाम 1135 रन हैं। विराट कोहली ने अब तक 811 रन बनाए हैं। अगर कोहली इस सीरीज में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो वह इंजमाम के रिकॉर्ड को तोड़ सकते हैं।
कोहली का डे-नाइट टेस्ट में प्रदर्शन
विराट कोहली ने डे-नाइट टेस्ट में भी अच्छा प्रदर्शन किया है। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पर्थ टेस्ट की दूसरी पारी में नाबाद शतक बनाया था, जिससे भारत ने 295 रन से जीत हासिल की थी। कोहली डे-नाइट टेस्ट में शतक बनाने वाले एकमात्र भारतीय बल्लेबाज हैं। उन्होंने अब तक चार पिंक बॉल टेस्ट खेले हैं और इस दौरान 46.17 की औसत से 277 रन बनाए हैं। उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 136 रन है, जो उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ कोलकाता में बनाया था।
कोहली का लक्ष्य
विराट कोहली का लक्ष्य इस टेस्ट सीरीज में अपने प्रदर्शन को और बेहतर बनाना है। वह जानते हैं कि अगर वह अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो न केवल वह व्यक्तिगत रिकॉर्ड बना सकते हैं, बल्कि टीम को भी जीत दिलाने में मदद कर सकते हैं। कोहली का मानना है कि बड़े मैचों में अच्छा प्रदर्शन करने से उन्हें आत्मविश्वास मिलेगा और वह अगले साल के लिए तैयार हो सकेंगे।