गाजियाबाद: हाल ही में गाजियाबाद के कविनगर में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर, गार्गी गुप्ता, को साइबर ठगों ने एक गंभीर धोखाधड़ी का शिकार बना दिया। ठगों ने उसे कूरियर में ड्रग्स रखने का आरोप लगाकर डराया और 24 घंटे तक उसे डिजिटल अरेस्ट में रखा। इस दौरान, उन्होंने उससे लगभग 10 लाख रुपये ठग लिए। यह घटना न केवल गार्गी के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी है कि साइबर अपराध कितने खतरनाक हो सकते हैं।
घटना का विवरण
29 नवंबर को गार्गी के पास एक फोन आया। कॉल करने वाले ने खुद को एक कूरियर कंपनी का सीनियर एक्जिक्युटिव अजय शर्मा बताया। उसने कहा कि गार्गी के नाम से मुंबई से कनाडा कूरियर भेजा गया है। जब गार्गी ने इस बात से इनकार किया, तो कॉलर ने उसे बताया कि उसे मुंबई साइबर क्राइम डिपार्टमेंट में अपना स्टेटमेंट देना होगा। इसके लिए उसने गार्गी को एक लिंक भेजा और ऑनलाइन वीडियो कॉल पर ले लिया।
वीडियो कॉल पर, कॉलर ने गार्गी से कहा कि वह किसी को भी इस बारे में न बताए। उसने गार्गी से आधार कार्ड और बैंक की जानकारी मांगी। इस दौरान, कॉलर ने गार्गी को बताया कि उसके बैंक अकाउंट में मनी लॉड्रिंग का मामला है और इसमें एक व्यक्ति, मोहम्मद इस्लाम मलिक, का नाम सामने आया है। गार्गी ने बार-बार मना किया, लेकिन ठग ने उसकी एक न सुनी।
ठगी की प्रक्रिया
कॉलर ने गार्गी से छह बार में 2.70 लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिए। उसने गार्गी को रातभर कॉल पर रखा और किसी को भी इस बारे में न बताने की धमकी दी। सुबह उठने पर गार्गी ने देखा कि कॉल अभी भी चालू है। कॉलर ने फिर से उसे बताया कि जांच टीम आने वाली है और उसे और पैसे ट्रांसफर करने के लिए कहा।
गार्गी ने जब पैसे ट्रांसफर करने में असमर्थता जताई, तो ठग ने उसे बैंक जाकर आरटीजीएस करने को कहा। इस तरह, गार्गी ने ठग को 6.52 लाख रुपये और ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद ठग ने कॉल काट दी।
पुलिस में शिकायत
जब गार्गी को एहसास हुआ कि वह ठगी का शिकार हो गई है, तो उसने तुरंत साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए जांच शुरू कर दी है। यह घटना इस बात का प्रमाण है कि साइबर ठग किस तरह से लोगों को अपने जाल में फंसाते हैं और उन्हें मानसिक रूप से परेशान करते हैं।