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पूर्व राज्य मंत्री बिट्टू कर्नाटक ने बताई हरक सिंह रावत को लेकर अंदर की बात

जब तक दूसरी नौकरी का ज्वाइनिंग लेटर हाथ में ना हो।तब तक पहली नौकरी से रिजाइन नहीं करना चाहिए। आज हम बात कर रहे हैं पूर्व कैबिनेट मिनिस्टर हरक सिंह रावत की। उनके साथ शायद कुछ ऐसा ही हुआ।जहाँ पर उन्हें भाजपा ने छह वर्ष के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया, वहीं पर अभी तक उनके कांग्रेस ज्वॉइन की कोई खबर नहीं आई है। एक रात पहले उनके जब निष्कासन से एक रात पहले ये खबर उड़ी थी कि अगली सुबह को कांग्रेस ज्वॉइन कर सकते हैं, लेकिन उनके साथ अभी तक ऐसा नहीं हुआ। अभी तक कांग्रेस ज्वॉइन नहीं की है।वहीं अब खबर ये आ रही है कि कांग्रेस के एक धड़े ने उनका विरोध करना शुरू कर दिया है।

वहीं अब कांग्रेस के अन्य नेताओं ने भी हरक की वापसी को लेकर विरोध शुरू कर दिया है। मंगलवार को कांग्रेस भवन में पार्टी के सीनियर आब्जर्वर मोहन प्रकाश की मौजूदगी में कांग्रेसियों ने हरक कर वापसी के खिलाफ प्रदर्शन किया।

राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने भी हरk सिंह की वापसी का विरोध करते हुए कहा है कि आज कई नेताओं को अपने स्वार्थ के लिए दल बदल से परहेज नहीं है। चाहे इसके लिए उन्हें अपनी विचारधारा ही क्यों ना छोड़नी पड़े। वहीं धारचूला के विधायक हरीश धामी ने कहा कि इस वक्त कांग्रेस को इनकी जरूरत होती है। ये कांग्रेस को कमजोर करते हैं इसलिए। इन्हें माफ़ नहीं किया जाना चाहिए। पूर्व मंत्री और कांग्रेस मेनिफेस्टो कमेटी के अध्यक्ष नंबर भाग ने कहा है कि 2016 में कांग्रेस और प्रदेश में जिन्होंने परआयोजित संकट खड़ा किया उसे ना कांग्रेस भूल सकती है और ना जनता। जल्द ही उजाड़ जल्द यहाँ पे उन्होंने शब्द इस्तेमाल किया है। उजाड़ बलद आपको बताते चलें कि इस सब के ऊपर भी काफी हिस्टरी है। काफी इतिहास है वो हम किसी और ने आपको बताएंगे। झाड़ोल पार्टी में किसी भी कीमत परवापस नहीं लिए जाने चाहिए।

वहीँ अगर भाजपा की बात की जाए तो प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि हरक सिंह की बातों से पार्टी के अन्य नेता अन्य कार्यकर्ता काफी असहज होते थे। वो अपने परिवार के लोगों के लिए टिकट मांगते थे जो कि हमारी पार्टी के सिद्धांतों के खिलाफ़ है। इसलिए बीजेपी ने उन्हें बर्खास्त करने का फैसला किया है। आगे धामी ने कहा कि हमने तय किया कि हर परिवार से एक ही व्यक्ति को टिकट दिया जाएगा तो इससे यह साबित होता है कि भाजपा के लिए भाजपा में हरक सिंह के दरवाजे अब 6 साल के लिए कम से कम यह मानकर चलें 6 साल के लिए तो बंद हो ही चूके हैं और वही अभी तक कांग्रेस की तरफ से ऐसा कोई भी पॉज़िटिव रिस्पॉन्स हरक सिंह को नहीं मिला है। जिससे यह लगे कि अब वो कांग्रेस की नाव में सफर करने को तैयार है तो देखना काफी दिलचस्प होगा। हरक सिंह का राजनीतिक करियर?

वहीं अगर बात की जाए हरक सिंह रावत की तो उनकी आँखों में आंसू हैं औरलबों पर।माफ़ी बार बार वो पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से माफी मांग रहे हैं और कह रहे हैं कि हरीश सिंह हरदा उनके बड़े भाई हैं।एक बार उन्हें माफी दे। आंसुओं की गंगा जुमना में चल रहे उनके वीडियो आजकल काफी वायरल हो रहे हैं। अब हरक की आँखों में आंसू हैं, वो जुबान पर कांग्रेस के प्रति जी जान लगाने वाला समर्पण। वह हरीश रावत से एक नहीं 100 बार माफी मांगने को तैयार है।

लेकिन फिलहाल स्थिती ये है कि अभी तक हरीश रावत की तरफ से ऐसा कोई जवाब नहीं आया है या फिर ऐसी कोई बात नहीं हुई है जिसके आधार पर यह कहा जा सके कि इस बार हरक सिंह रावत को कांग्रेस में जगह मिल पाएगी?कम से कम हरक सिंह रावत को अपनी शर्तों पर तो जगह मिलना नामुमकिन दिखाई दे रहा है।

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