हाल ही उत्तराखंड के पहाड़ों पर भारी बारिश के कारण सफर जानलेवा साबित हो रहा है। बरसात शुरू हुए अभी कुछ ही दिन हुए हैं लेकिन वाहनों पर बड़े बड़े बोल्डर (पत्थर) गिरने की अब तक नौ घटनाएं सामने आ चुकी हैं। जिसमें अभी तक 07 लोग अपनी जान गंवा चुके है जबकि 26 घायल हो गए हैं।
विशेषज्ञों की माने तो उनके अनुसार सड़क निर्माण के दौरान अवैज्ञानिक तरीके से विस्फोटकों का प्रयोग किए जाने से पहाड़ कमजोर हो रहे हैं। और बरसात के सीजन में पत्थरों के नीचे से मिट्टी बह जाती है जिससे बोल्डरों के गिरने का अक्सर खतरा बना रहता है। इसके साथ ही बरसात में यह परेशानी बढ़ जाती है जिस कारण पहाड़ पर सड़कों के निर्माण और कटान के समय ब्लास्टिंग आदि का प्रयोग बंद करने की जरूरत है।
उत्तराखंड में लोक निर्माण विभाग की ओर से सड़कों पर 166 क्रॉनिक जोन (अति संवेदनशील) चिह्नित किए गए हैं। जहां अक्सर मलबा, पत्थर गिरने की घटनाएं होती हैं। हालांकि उत्तराखंड के पहाड़ों के कमजोर होने की वजह से हर साल नए नए संवेदनशील स्थान भी विकसित हो रहे हैं जिससे यह समस्या लगातार बढ़ती ही जा रही है। हाल ही में लाइव हिंदुस्तान में प्रकाशित खभर के अनुसार बोल्डर गिरने की प्रमुख घटनाए सामने आए है :
18 जून को आगराखाल के पास बोल्डर गिरने से तीन घायल
23 जून को हेलंग के पास 10 यात्री चोटिल
26 जून को केदारनाथ हाईवे पर कुंड के पास बस में पत्थर गिरने से एक की मौत
26 जून को केदारनाथ हाईवे पर सोनप्रयाग के पास बस पर पत्थर गिरने से एक घायल
29 जून को बाजपुर बिरही के पास यूपी के एक यात्री की मौत
29 जून को सोनप्रयाग-गौरीकुंड के बीच मुनकटिया में वाहन के उपर पत्थर गिरने से एक यात्री की मौत, 10 घायल
30 जून को सोनप्रयाग-गौरीकुंड के बीच पैदल चलते हुए पहाड़ी से पत्थर गिरने से एक यात्री की मौत
30 जून को खांकरा-छातीखाल मार्ग पर कार पर पत्थर गिरने से एक घायल
30 जून को बाजपुर चाड़ा के पास दिल्ली का यात्री पत्थर गिरने से घायल
1 जुलाई गंगोत्री हाईवे पर स्वारी गाड में एमपी के एक तीर्थ यात्री की मौत
3 जुलाई कर्णप्रयाग ग्वाल्दम मार्ग पर दो की मौत