Headline
पीएम मोदी के कार्यक्रम में किच्छा के युवक को किया गया नोमिनेट
सुप्रीम कोर्ट की फटकार : हरक सिंह रावत और किशन चंद को कॉर्बेट नेश्नल पार्क मामले में नोटिस
उत्तराखंड के ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी में CM धामी ने किया छठवें वैश्विक आपदा प्रबंधन सम्मेलन का शुभारम्भ
उत्तराखंड में निर्माणाधीन टनल धंसने से बड़ा हादसा, सुरंग में 30 से 35 लोगों के फंसे होने की आशंका, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
मशहूर टूरिस्ट स्पॉट पर हादसा, अचानक टूट गया कांच का ब्रिज, 30 फीट नीचे गिरकर पर्यटक की मौत
81000 सैलरी की बिना परीक्षा मिल रही है नौकरी! 12वीं पास तुरंत करें आवेदन
देश के सबसे शिक्षित राज्य में चपरासी की नौकरी के लिए कतार में लगे इंजीनियर, दे रहे साइकिल चलाने का टेस्ट
Uttarakhand: पहली बार घर-घर किया गया विशेष सर्वे, प्रदेश से दो लाख मतदाता गायब, नोटिस जारी
Uttarakhand: धामी सरकार का एलान, राज्य स्थापना दिवस तक हर व्यक्ति को मिलेगा आयुष्मान कवच

प्रदेश में बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर हाई कोर्ट में हुई सुनवाई में सरकार ने कहा महामारी नियंत्रण में है

  • मंगलवार को उत्तराखंड में हुए हाईकोर्ट की सुनवाई मैं कोरोना काल मैं प्रदेश की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के खिलाफ 10 से अधिक जनहित याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की गई। इसी के चलते हाईकोर्ट ने इन याचिकाओं पर अगली सुनवाई के लिए 22 फरवरी की तिथि सुनिश्चित की है। सरकार के अनुसार कोर्ट को यह बताया गया कि अभी प्रदेश में महामारी नियंत्रण में है। और तो और सभी लोग सामाजिक दूरी का पालन कर रहे हैं और मास्क का भी इस्तेमाल कर रहे हैं। प्रतिदिन वैक्सीन की बूस्टर डोज भी लगाई जा रही है।

यह सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई जिसमें कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति एन एस धानिक की खंडपीठ के समक्ष शामिल थे। इसी के चलते याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता ने कोर्ट को लोगों के अभी भी शारीरिक दूरी और मास्क न लगाने पर चिंता जताई। सरकार ने मेडिकल वेबसाइट पर इस बात का भी उल्लेख किया कि प्राथमिक अस्पतालों, बेस अस्पतालों और अन्य सरकारी अस्पतालों में कौन-कौन सी सुविधाएं उपलब्ध की जा रही है। इसी के चलते कोविड नियमों का पालन कराने के लिए जिला मॉनिटरिंग कमेटियों ने भी जोड़ दिया है।

सूत्रों के मुताबिक सरकार ने इन्हीं व्यवस्थाओं के चलते कोर्ट को बताया कि महामारी प्रदेश में अभी नियंत्रण में है और लोग इसके खिलाफ जागरूक है। याचिकाकर्ता दुष्यंत मनौली वह देहरादून निवासी सच्चिदानंद डबराल व अन्य आठ ने क्वॉरेंटाइन सेंटर और कोविड अस्पतालों की बदहाली और उत्तराखंड लौट रहे प्रवासियों की मदद और उनके लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने को लेकर अलग-अलग जनहित याचिका दायर की थी। याचिकाओं में यह साफ कहा गया कि महामारी से लड़ने के लिए प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाओं की कोई पुख्ता व्यवस्था नहीं है और वही सरकार की माने तो प्रदेश में कोरोना नियंत्रण में है। इसी के चलते कोर्ट ने अस्पतालों की नियमित मॉनिटरिंग के लिए जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में जिलेवार निगरानी कमेटी गठित करने का आदेश दिया है और कमेटी से सुझाव मांगे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top