कोच्चि. केरल के एक विश्वविद्यालय की छात्राएं उपस्थिति की कमी के लिए अतिरिक्त छूट के रूप में “माहवारी राहत” का फायदा उठा सकती हैं. छात्राओं की लंबे समय से चली आ रही मांग को ध्यान में रखते हुए, यहां के प्रसिद्ध कोचीन विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीयूएसएटी) ने प्रत्येक सेमेस्टर में छात्राओं की उपस्थिति में कमी के लिए अतिरिक्त दो प्रतिशत की छूट की मंजूरी दी है. एक स्वायत्त विश्वविद्यालय, सीयूएसएटी में विभिन्न वर्गों में 8000 से अधिक छात्र हैं और उनमें से आधे से अधिक लड़कियां है.
संयुक्त रजिस्ट्रार द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया, “महिला छात्रों को मासिक धर्म लाभ के अनुरोधों पर विचार करने के बाद, कुलपति ने शैक्षणिक परिषद को रिपोर्ट करने के अधीन, प्रत्येक सेमेस्टर में महिला छात्रों की उपस्थिति में दो प्रतिशत की अतिरिक्त छूट की स्वीकृति देने का आदेश दिया है.” विश्वविद्यालय के सूत्रों के अनुसार, पिछले कुछ समय से विभिन्न छात्र संघ छात्राओं को मासिक धर्म ‘लाभ’ दिए जाने के लिए दबाव बना रहे थे.
इस संबंध में एक प्रस्ताव औपचारिक रूप से कुलपति को हाल ही में प्रस्तुत किया गया था. इसे अनुमोदित किये जाने के बाद एक आदेश जारी किया गया. संपर्क करने पर सीयूएसएटी के एक अधिकारी ने कहा कि प्रत्येक छात्रा के लिए अलग-अलग छूट होगी, क्योंकि यह उसकी उपस्थिति पर निर्भर करेगा. अधिकारी ने ‘न्यूज एजेंसी’ से कहा, “यह प्रत्येक छात्रा के लिए अलग होगा. प्रत्येक छात्रा मासिक धर्म लाभ के रूप में अपनी कुल उपस्थिति के दो प्रतिशत का दावा कर सकती है.”
अधिकारी ने कहा कि यह आदेश विश्वविद्यालय में पीएचडी करने वालों सहित सभी छात्राओं पर लागू होगा और इसके तत्काल प्रभाव से लागू होने की उम्मीद है. विश्वविद्यालय छात्र संघ की अध्यक्ष नमिता जॉर्ज ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि उनकी मांग को विश्वविद्यालय ने बिना किसी आपत्ति के मान लिया.