उत्तराखंड में सरकार सर्किल रेट बढ़ाने की तैयारी कर रही है। इसके लिए शासन की ओर से सभी जिलाधिकारियों से प्रस्ताव मांगे गए हैं। यदि सभी कुछ तैयारियों के मुताबित हुआ तो जनवरी में सर्किल रेट बढ़ा दिए जाएंगे। जमीनों के सबसे अधिक सर्किल रेट के मामले में हरिद्वार में हरकी पैड़ी का सर्किल रेट सबसे ज्यादा है।
पिछले दो सालों से राज्य में जमीनों के सर्किल रेट नहीं बढ़े हैं। 2021 में कोविड के कारण जबकि 2022 में राज्य के विधानसभा चुनावों को देखते हुए सर्किल रेट नहीं बढ़ाए गए। लेकिन अब एक बार फिर सर्किल रेट बढ़ाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। सूत्रों ने बताया कि इस संदर्भ में कुछ समय पूर्व वित्त विभाग की बैठक में निर्णय लिया गया। जिसके बाद जिलों से सर्किल रेट बढ़ाने का प्रस्ताव मांग लिया गया है।
जिलों से प्रस्ताव मिलने के बाद अब इस मामले में आगे कार्रवाई की जाएगी। राज्य में हर साल औसत 10 प्रतिशत की दर से सर्किल रेट बढ़ाए जाते हैं। लेकिन कई बार वित्त विभाग सर्किल रेट की दरों में एकरूपता लाने के लिए कुछ विशेष क्षेत्रों के सर्किल रेट तय सीमा से अधिक भी बढ़ा देता है। हालांकि इस बार सर्किल रेट कितने बढ़ाए जाएंगे यह अभी तय नहीं है। वित्त विभाग के सचिव दिलीप जावलकर ने सर्किल रेट के संदर्भ में प्रस्ताव मांगे जाने की पुष्टि की है।
जिला प्रशासन ने शुरू की तैयारी देहरादून की डीएम सोनिका ने बताया कि सर्किल रेट बढ़ाने के संदर्भ में प्रस्ताव तैयार करने के लिए कहा गया है। इसके संदर्भ में तैयारी शुरू कर दी गई है।
राज्य में इस समय हरिद्वार में हरकी पैड़ी से कोतवाली नगर तिराहा के बीच जमीनों के सर्किल रेट सबसे अधिक हैं। यहां की जमीनों का सर्किल रेट 57 हजार प्रति वर्ग मीटर चल रहे हैं। इसके बाद सबसे महंगे दून में राजपुर रोड के सर्किल रेट हैं। यहां घंटाघर से आरटीओ तक प्रति वर्ग मीटर के सर्किल रेट 50 हजार रुपये हैं। हालांकि जमीनों के वास्तवित रेट इससे भी कई गुना ज्यादा हैं।