Delhi: करीब 11 साल बाद होने जा रही है दिल्ली विधानसभा के सदस्यों और मंत्रियों के वेतन में बढ़ोतरी। सूत्रों के मुताबिक मई में ही केंद्र सरकार ने दिल्ली के विधायकों-मंत्रियों के वेतन में बढ़ोतरी के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। 2015 में दिल्ली सरकार ने केंद्र को वेतन में बढ़ोतरी का प्रस्ताव भेजा था, लेकिन तब वो मंजूर नहीं हुआ था। मगर अब दिल्ली विधानसभा ने सोमवार को मंत्रियों, विधायकों और अन्य के वेतन और भत्ते में 66.67 प्रतिशत की वृद्धि के लिए पांच बिल पेश किए है। प्रस्ताव अब राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा और एक बार इसे मंजूरी मिलने के बाद, विधायकों और अन्य लोगों का वेतन सभी भत्तों सहित 54,000 रुपये से बढ़कर 90,000 रुपये हो जाएगा।
साथ ही बिल के अनुसार विधायकों और मंत्रियों का मूल वेतन अब 12,000 रुपये से बढ़कर 30,000 रुपये हो जाएगा और यात्रा, टेलीफोन बिल और अन्य भत्ते 90,000 रुपये हो जाएंगे। आपको बता दे की दिल्ली में सोमवार से विधानसभा का मानसून सत्र शुरू हो गया है जिसके चलते मंत्री कैलाश गहलोत ने सदन में बाकि विधायकों, मंत्रियों, चीफ व्हिप, स्पीकर, डिप्टी स्पीकर और लीडर ऑफ ऑपोजिशन के वेतन भत्ते में बढ़ोतरी का बिल विधानसभा में पेश किया।
इस नए प्रस्ताव के अनुसार, अब दिल्ली के विधायकों को सैलरी के रूप में हर महीने 12 हजार की जगह 30 हजार रुपए मिलेंगे। सैलरी के अलावा अन्य भत्तों में भी बढ़ोतरी हो रही है। सैलरी और सभी भत्ते मिलाकर अब दिल्ली के विधायकों को हर महीने 90 हजार रुपए मिलेंगे, जो राशि अबतक 54 हजार रुपए थी। साथ ही आपको बता दें कि दिल्ली के विधायकों और मंत्रियों के वेतन में अंतिम बार बढ़ोतरी 2011 में हुई थी जो की लघभग 11 साल पहले हुई थी। विधानसभा सदस्यों ने यह भी कहा कि दिल्ली में विधायक पूरे देश में सबसे कम वेतन पाने वाले हैं। विधेयक को परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत, आप विधायक और दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) के उपाध्यक्ष सौरभ भारद्वाज और अन्य ने भी समर्थन दिया।