Dehradun: उत्तराखंड में मानसून सीजन में आपदे के खतरे को देखते हुए राज्य की धामी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए मानसून सीजन के दौरान सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की मानसून अवधि पर रोक लगा दी है। जी हाँ सोमवार को प्रदेश के मुख्य सचिव एस एस संधू के नाम से जारी आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि अपरिहार्य कारणों के अलावा किसी सूरत में अगले 3 महीने यानि 30 सितंबर 2022 तक अधिकारियों व कर्मचारियों का अवकाश मंजूर नहीं किया जायेगा।
माना जारा है की अधिकारी व कर्मचारी अपने विभागीय उच्चाधिकारियों से लंबा अवकाश स्वीकृत कराकर प्रस्थान कर जाते हैं। ऐसे में राज्य को मानसून अवधि में बचाव व राहत कार्यों में परेशानी का सामना करना पड़ता है, जिसे देखते हुए धामी सरकार ने अधिकारियों और कर्मचारियों की लंबी छुट्टी पर रोक लगाने का फैसला लिया है। राज्य सरकार ने यह कदम आपदा की स्थिति में प्रभावितों को तत्काल राहत देने के लिए उठाया है। जिसके चलते कुछ दिन पूर्व मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मानसून पूर्व तैयारियों की समीक्षा बैठक में अधिकारी-कर्मचारियों के अवकाश पर रोक लगाने के निर्देश दिए थे।
सूत्रों के मुताबिक पत्र में कहा गया है कि उत्तराखंड राज्य प्राकृतिक आपदा की दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील है। मानसून अवधि में राज्य में भारी बारिश, बाढ़, भूस्खलन व बादल फटने की घटनाओं से अधिक जिले बहुत ज्यादा प्रभावित होते हैं। इससे राज्य में जन-जीवन अस्त-व्यस्त होता है। शासकीय व निजी परिसंपत्तियों व कृषि योग्य भूमि को नुकसान होता है। जन व पशु हानि भी होती है। इस स्थिति में प्रभावित लोगों को तत्काल राहत देने व राहत सामग्री उपलब्ध कराने, बिजली व पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने व परिवहन सुविधा सुचारु रखने में अधिकारी-कर्मचारियों की अहम भूमिका होती है।