
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार, 5 अक्टूबर को उत्तराखंड प्रीमियर लीग (UPL) 2025 के समापन समारोह में भाग लिया। फाइनल मुकाबले में विजेता हरिद्वार एलमास को ट्रॉफी प्रदान करने के साथ-साथ मुख्यमंत्री ने खेलों के विकास और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने से जुड़ी कई घोषणाएं कीं।
समारोह में बोलते हुए सीएम धामी ने कहा कि हार-जीत खेल का हिस्सा है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण है खिलाड़ियों की खेल भावना, मेहनत और लगातार आगे बढ़ने का जज्बा। उन्होंने युवाओं से कहा कि खेल न केवल शारीरिक और मानसिक विकास के लिए जरूरी हैं, बल्कि इससे अनुशासन, टीमवर्क और संघर्षशीलता जैसे गुण भी विकसित होते हैं।
धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में खेल संस्कृति को बढ़ावा देने वाले कार्यक्रमों—खेलो इंडिया और फिट इंडिया मूवमेंट—की सराहना की और बताया कि उत्तराखंड सरकार पुरुष और महिला खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए लगातार प्रयासरत है। उन्होंने यह भी बताया कि इस लीग में महिला खिलाड़ियों की चार टीमों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया, और भविष्य में महिलाओं की भागीदारी और भी महत्वपूर्ण साबित होगी।
मुख्यमंत्री ने यह गौरव साझा किया कि उत्तराखंड की तीन बालिकाएं—राघवी बिष्ट, प्रेमा रावत और नंदनी कश्यप—अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने में सफल रही हैं और वर्तमान में न्यूजीलैंड में भारतीय टीम का हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि राज्य का खेल टैलेंट बाहर जा रहा है, इसलिए क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड को राज्य की टीम को देश की सबसे मजबूत टीम बनाने के लिए कदम उठाने चाहिए।
सीएम ने कहा कि 38वें राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड के खिलाड़ियों ने 103 पदक जीतकर राज्य का गौरव बढ़ाया।
धामी ने खेलों के विकास के लिए कई योजनाओं की भी घोषणा की:
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राज्य के आठ प्रमुख शहरों में 23 खेल अकादमियों की स्थापना, जहां हर साल 920 एथलीट और 1000 अन्य खिलाड़ी प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे।
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हल्द्वानी में उत्तराखंड का प्रथम खेल विश्वविद्यालय और लोहाघाट में महिला स्पोर्ट्स कॉलेज की स्थापना।
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राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता खिलाड़ियों को आउट ऑफ टर्न सरकारी नौकरी देने की नीति।
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युवाओं के प्रोत्साहन के लिए मुख्यमंत्री खेल विकास निधि, खिलाड़ी प्रोत्साहन योजना, उदीयमान खिलाड़ी योजना और खेल किट योजना।
सीएम धामी ने कहा कि राज्य अब राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं की मेजबानी कर रहा है और सरकार उत्तराखंड को खेल भूमि के रूप में स्थापित करने के लिए निरंतर प्रयासरत है।