प्रदेश में अपनी स्थापना से लेकर आज तक 6308 पदों पर भर्तियां कर चुके उत्तराखंड लोक सेवा आयोग में ही 63 पद खाली पड़े हुए हैं। आयोग के विधानसभा पटल पर रखे गए वर्ष 2021-22 के वार्षिक प्रतिवेदन में यह तथ्य सामने आया है। आयोग में समूह-क, ख, ग और घ के कुल 199 पद सृजित हैं। इनके सापेक्ष यहां 136 अधिकारी, कर्मचारी सेवाएं दे रहे हैं। 63 पद खाली पड़े हुए हैं।
समूह-क के कुल 12 सृजित पदों में से संयुक्त सचिव और सिस्टम एनालिस्ट के दो पद खाली हैं। समूह-ख के कुल 25 में से 24 पद भरे हैं लेकिन अनुभाग अधिकारी का एक पद खाली है। समूह-ग के कुल 140 में से 41 पद रिक्त हैं। समूह-घ के कुल 22 में से 19 पद खाली हैं। इन पर आउटसोर्सिंग से काम चलाया जा रहा है।
राज्य लोक सेवा आयोग की मई 2001 से 31 मार्च 2022 तक 6925 पदों के लिए 14 लाख 45 हजार 143 आवेदन आए। इनमें से 6308 युवाओं का चयन नौकरी के लिए किया गया। पिछले छह साल में देखें तो इस साल सबसे कम भर्तियां निकाली गई। वर्ष 2016-17 में आयोग ने 236, 2017-18 में 795, 2018-19 में 367, 2019-20 में 455, 2020-21 में 164 और 2021-22 में 122 पदों पर भर्तियां निकाली। 2013-14 में आयोग ने सर्वाधिक 1400 पदों पर भर्तियां निकाली थी, जिनमें से 1333 को नौकरी मिली थी।
आयोग ने त्रुटियां होने पर वर्ष 2021-22 में पांच भर्तियों के अधियाचन शासन को लौटाए। किसी में सेवा नियमावली से संबंधित गलती थी तो किसी में अर्हता से जुड़ी हुई त्रुटि। इनमें 14 पदों की ज्येष्ठ वैज्ञानिक सहायक, विधि विज्ञान प्रयोगशाला, 25 पदों की उच्च शिक्षा पुस्तकालयाध्यक्ष भर्ती, 70 पदों की पशुपालन विभाग में पशु चिकित्साधिकारी ग्रेड-2 भर्ती, छह पदों की ग्राम विकास विभाग में प्रसार प्रशिक्षण अधिकारी भर्ती और चार पदों की सहायक नगर आयुक्त की भर्ती मिलाकर कुल 119 पदों की भर्तियां शामिल हैं।