प्रदेश में बाजार की महंगी बिजली से बचने के लिए ऊर्जा निगम मैनेजमेंट शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म पॉवर परचेज एग्रीमेंट करने की तैयारी में है। जी हाँ इसके लिए कई टेंडर जारी किए गए हैं। केंद्र सरकार के दीप पोर्टल पर भी बिडिंग की जा रही है। कोशिश यही है कि बाजार की नौ से 12 रुपये प्रति यूनिट मिलने वाली बिजली से राहत मिल सके। कम रेट पर अधिक समय के लिए बिजली उपलब्ध हो सके। एमडी अनिल कुमार ने बताया कि रोज-रोज की बिडिंग से बचने और बाजार की महंगी बिजली से राहत को लेकर सभी वैकल्पिक उपायों पर विचार किया जा रहा है।
ऊर्जा निगम ने अपने प्रस्ताव में बीपीएल, स्नो बाउंड, घरेलू में 100 यूनिट तक बिजली खर्च करने वालों पर किसी भी तरह का अतिरिक्त भार न डालने को प्रस्ताव में छूट दी गई है। सिर्फ 100 यूनिट से अधिक खर्च करने वालों के लिए 200 यूनिट तक 15 पैसे और 300 यूनिट तक 30 पैसे प्रति यूनिट सरचार्ज लगाने की मांग की है। उद्योगों और व्यवसायिक उपभोक्ताओं के बिजली बिल में दो रुपये प्रति यूनिट सरचार्ज लगाने की मांग की है। सात महीने के लिए सरचार्ज लगाने की मांग की है। एक सितंबर से 31 मार्च तक सरचार्ज वसूली का प्रस्ताव भेजा गया है।
साथ ही सूत्रों के मुताबिक बाजार से 1355 करोड़ की बिजली खरीदने से बढ़े आर्थिक भार की वसूली उद्योगों से किए जाने की तैयारी है। इसके लिए बिजली बिलों में सरचार्ज के रूप में अतिरिक्त वसूली को लेकर ऊर्जा निगम ने विद्युत नियामक आयोग को विधिवत प्रस्ताव भेज दिया है। इसमें उद्योगों और व्यवसायिक बिजली उपभोक्ताओं से दो रुपये प्रति यूनिट तक सरचार्ज वसूलने का प्रस्ताव है। जिसके मुताबिक प्रदेश में एक बार फिर बिजली के दामों में वृद्धि देखी जा सकती है।