13.8 C
Dehradun
Friday, December 1, 2023

उत्तराखंड- क्या भाजपा के लिए सिरदर्द बन सकती है आम आदमी पार्टी?

Must Read

उत्तराखंड न्यूज़ एक्सप्रेस के इस समाचार को सुनें
- Advertisement -

उत्तराखंड न्यूज़ एक्सप्रेस स्पेशल रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश से टूटकर नए राज्य के रूप में सामने आये उत्तराखंड की अगर बात की जाए तो यहाँ दो पार्टियों का ही दबदबा अधिक रहा है. पहाड़ में जहाँ एक समय में कांग्रेस का वर्चस्व कायम हुआ करता था वहीँ नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में भाजपा ने किले में ऐसी सेंध मारी की उत्तराखंड के लोक सभा चुनावों में कांग्रेस को शून्य का मुंह देखना पड़ा. तराई का क्षेत्र जो कभी कांग्रेस का गढ़ कहा जाता था जिसे लेकर मलाई सीट समझते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री ने तराई के एक विधानसभा क्षेत्र किच्छा से नामांकन किया लेकिन भाजपा की रणनीति के आगे मलाई हरीश रावत के लिए गर्म दूध बन गयी और फिर एक इतिहास बना जहाँ एक मुख्यमंत्री ने भाजपा के राजेश शुक्ला से हार का मुंह देखा.

उसके बाद हालाँकि काफी परिवर्तों का दौर आया और यह तय लगने लगा की अब उत्तराखंड से भाजपा का हारना नामुमकिन होता जा रहा है. पहाड़ी युवा जहाँ नरेन्द्र मोदी में भारत का भविष्य देख रहे थे वहीँ मैदानी क्षेत्रों की बात करे तो बनिया और पंजाबी वर्ग एक राय होकर भाजपा के सुर से ताल मिलाने लगा था. अपनी इन सफलताओं का जश्न मनाती भाजपा ने एक तरह से उत्तराखंड को हलके में लेना शुरू कर दिया. वहीँ कुछ अन्य क्षेत्रीय पार्टियाँ इस अवसर की तलाश में भी की कब पतंग से बीजेपी की पकड़ ढीली हो और बीच में लंगड़ डाला जाए.

- Advertisement -

लॉकडाउन प्रथम उसके बाद किसान आन्दोलन – फिर लॉकडाउन द्वितीय

जैसा की आपको बताया की भाजपा ने उत्तराखंड को काफी हलके में लेना शुरू कर दिया था और मौके की तलाश में बैठी पार्टियों ने इसे लुभाना शुरू कर दिया, लेकिन बाज़ी मार ले गयी आम आदमी पार्टी. पंजाब के साथ साथ आम आदमी पार्टी ने उत्तराखंड में अपनी पैठ बनाने के साथ साथ भाजपा में कमियां ढूंढनी शुरू की जिससे ना सिर्फ सरकार पर दवाब बना बल्कि अभी तक कांग्रेस को अपना प्रतिद्वंद्वी समझ रही पार्टी के लिए एक नया सर दर्द बनकर सामने आई.

गौरतलब है की कांग्रेस का एकमात्र चेहरा जो मुख्यमंत्री का दावेदार बन सकता है वो हरीश रावत है है लेकिन अगर कांग्रेस के लिए यह कदम काफी फूंक फूंक के रखने वाला होगा की अपना मुख्यमंत्री का उम्मीदवार किसे बनाया जाए. चूँकि चुनाव हारने के बाद से लोगो में अटकलें हैं की हरीश रावत अब लम्बी रेस का घोड़ा साबित नहीं ही पाएंगे वहीँ गढ़वाल के क्षत्रों से किसी गढ़वाली को कमान देने की बात भी उठ रही है. ऐसे में कांग्रेस किसे मुखिया के तौर पर कमान देती है वो कुछ महीनो में ही पता चल जायेगा लेकिन इसी बीच हम जिस तबके की बात कर रहे हैं वो ज़रा ख़ास है. वो ऐसा तबका है जिसका विश्वास कांग्रेस से उठ चूका है और भाजपा के विकास में अब उसे रुचि नही रही. इसे दरम्यानी तबका भी कहा जा सकता है.

अगर हम कट्टर कांग्रेसी और कट्टर भाजपाई को एक तरफ रखें तो यह तबका दोनों के किनारों से निकले हुए लोग हैं जो अब तीसरी पार्टी के प्रलोभन में आसानी से आ सकतें हैं. जैसे किसान आन्दोलन जिनका सबसे अधिक भाजपा का मोहभंग हुआ है वो है सिख, किसान तथा लॉकडाउन के कारण जो ख़ामोशी से भाजपा से दूरी बना रहें हैं और धीरे धीरे सड़कों पर थाली बजा बजाकर विरोध कर रहे हैं वो तबका अहि व्यापारी तबका जिसमे भाजपा का पुश्तैनी वोटर रहा बनिया वर्ग भी शामिल है. वहीँ मैदानी क्षेत्रों में पंजाबी व्यापारी हालाँकि इस समय भाजपा से मनमुटाव तो दिखा रहें हैं लेकिन अगर राज्य सरकार की तरफ से तुरंत इस तबके के लिए कोई ठोस कदम नही उठाया गया तो इसका सीधा फायदा कांग्रेस या आम आदमी पार्टी इस तबके से उम्मीदवार खड़ा करके कर सकती है. वहीँ इस सबमे एक महत्वपूर्ण बात यह है की अल्पसंख्यक समुदाय को हमेशा से कांग्रेस का पक्का वोटर समझ जाता रहा है लेकिन पिछले कुछ वर्षों से अपनी अनदेखी के कारण अल्पसंख्यकों का पास कांग्रेस को वोट देने का कोई ठोस कारण नही है. इसमें वो तबका जो युवा है तथा कांग्रेस को वोट नही देना चाहता वो भाजपा के लिए बोनस का कार्य कर सकता है

अगर एक पंक्ति में उन सब लोगो को रखें जो की कांग्रेस को वोट नही करना चाहतें तथा भाजपा से मोहभंग /नाराज़ है तो ऐसे में एक बहुत बड़ी आबादी निकलकर सामने आती है जो प्रत्येक शहर में चुनावों को प्रभावित करने के लिए काफी है. आम आदमी पार्टी भी शायद इसी तबके को टारगेट करने की फिराक में है. इसी कारण पहाड़ चढ़ने में ज़रा भी देर ना करने हुए काफी तेज़ी से अपनी कार्यकारिणी बनाने को आतुर है.

आप क्यों बन सकती है भाजपा के लिए सिरदर्द ?

लगभग 1 करोड़ आबादी वाले उत्तराखंड राज्य में लगभग 76 लाख वोटर है, जिसमे से पिछले विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 46% पर कब्ज़ा जमाते हुए राज्य की विजयी पार्टी बनने की उपलब्धि हासिल की और 2,314,250 (23 लाख) वोटो पर कब्ज़ा जमाया तथा कांग्रेस की हार का अंतर अधिक नही रहा कांग्रेस ने 33% मत हासिल किये और लगभग 16 लाख(1,666,379) वोटरों को अपने पाले में खड़ा किया. वहीँ सबसे ध्यान देने वाली बात इसमें एक यह भी है की बसपा ने 7% पर हाथी चलाया और साढ़े तीन लाख वोट प्राप्त हुए वहीँ निर्दार्लीय उम्मीदवारों का आंकड़ा बसपा से अधिक अच्छा रहा और 10% के साथ 5 लाख मत अपने पक्ष में पाए. अगर हम सरसरी तौर पर एक मोटा आंकड़ा ले और यह माने की भाजपा और कांग्रेस से 5-5 लाख वोटर वो तबका है जो इन पार्टियों को वोट देने से कतरा रहा है और बाकी निर्दलीय तथा अन्य क्षेत्रीय पार्टियों के साथ मिलकर यह आंकड़ा 20 लाख के अस-पास पहुँचता है. आपको बताते चलें की कांग्रेस जो दुसरे स्थान पर सबसे अधिक वोट लेने वाली पार्टी थी उसे भी 23 लाख मत प्राप्त हुए थे.

हम जानतें है की आप अपने वोटरों को लुभाने के लिए आक्रामक रास्ते को इख्तियार करता है अगर एक बार हम आम आदमी पार्टी के उत्तराखंड के सोशल मीडिया अकाउंट पर नज़र डालें तो साफ़ तौर पर देखा जा सकता है की “Attack is the best self defense” की नीति का पालन कर रहा है. इसका एक कारण यह भी है की पहली बार पार्टी राज्य में कदम रख रही है इसीलिए उसके पास ऐसा कुछ नही है जिस कार्य के लिए वोट माँगा जा सके तो आम आदमी पार्टी भाजपा के मुद्दों में सेंधमारी की नीति अपना रही है.

 

मोनिस मलिक

उत्तराखंड न्यूज़ एक्सप्रेस के लिए मोनिस मलिक का लेख 

ट्विटर पर संपर्क करें – (20) Monis Malik (@monismalikune) / Twitter

- Advertisement -
उत्तराखंड में ‘राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान’ की स्थापना के लिए भूमि की व्यवस्था के साथ ही केन्द्र सरकार से...

Latest News

Video thumbnail
केंद्रीयमंत्री रामदास अठावले का तुनिषा शर्मा पर बड़ा बयान #tunishasharma #sheezankhan #shorts #short
00:43
Video thumbnail
#haridwar - #police और बदमाशों के बीच Real #encounter का विडियो
01:20
Video thumbnail
Ankita Bhandari Murder - आरोपियों के resort पर चला Bulldozer
03:20
Video thumbnail
एक ही चाक़ू से प्रेमिका और माँ की हत्या kashipur double murder case
17:14
Video thumbnail
फिल्मों की तरह मौके पर पहुंची पुलिस @uttarakhandnewsexpress
00:52
Video thumbnail
भीमताल - छात्रा ने लगाया प्रोफेसर पर शारीरिक शोषण का आरोप, हंगामा
04:41
Video thumbnail
रोज़ाना 50 किलोमीटर दौड़ने वाले पिता-पुत्र | 50 km daily run father son #Dehradun world record
35:06
Video thumbnail
देहरादून में कांग्रेस कार्यकर्ताओं का विरोध प्रदर्शन, पुलिस ने किया गिरफ्तार
07:22
Video thumbnail
uttarakhand - पुलिसवालों ने कैसे जान पर खेलकर डूबते को बचाया #shorts #short
00:49
Video thumbnail
गर्भवती महिला को करते रहे रेफ़र, तपती धुप में पार्क में दिया बच्चे को जन्म #shorts #short
01:00

More Articles Like This