समूचे उत्तराखण्ड को गौरवान्वित एक खबर आज सोशल मीडिया के सभी प्लेटफॉर्म में छाई हुई है। जी हां… बात हो रही पहाड़ की एक होनहार बेटी मानसी नेगी द्वारा हासिल की गई अभूतपूर्व उपलब्धि की। अपनी इस अभूतपूर्व उपलब्धि से समूचे प्रदेश का मान बढ़ाने वाली मानसी ने राष्ट्रीय स्तर पर फिर परचम लहराया है। बता दें कि मूल रूप से राज्य के चमोली जिले के दशोली विकासखंड स्थित मजोठी गांव की रहने वाली मानसी ने असम के गुवाहाटी में चल रही 37वीं नेशनल जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन करते हुए न केवल 10 किमी रेस वॉक प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक हासिल किया है बल्कि अब तक के नेशनल रिकार्ड को तोड़ते हुए एक नया कीर्तिमान भी स्थापित किया है।
मानसी की इस अभूतपूर्व उपलब्धि से जहां उनके परिवार के साथ ही समूचे उत्तराखण्ड में खुशी की लहर दौड़ गई है वहीं उसकी इस उपलब्धि पर राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने भी उन्हें शुभकामनाएं दी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप से राज्य के चमोली जिले के दशोली विकासखंड स्थित मजोठी गांव की मानसी नेगी ने असम के गुवाहाटी में चल रही 37वीं राष्ट्रीय जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक हासिल किया है। बता दें कि इस मुकाम को हासिल कर समूचे प्रदेश का गौरव बढ़ाने वाली मानसी का जीवन काफी संघर्षपूर्ण रहा है। दरअसल चमोली के कोठियाल सैंण कस्बे में मोटर वर्कशॉप चलाने वाले मानसी के पिता लखपत सिंह नेगी का कुछ वर्षों पहले निधन हो गया था।
जिसके बाद से मानसी की मां ने ही गोपेश्वर में रहकर मानसी का पालन पोषण किया। बचपन से ही खेल की दुनिया में कुछ बड़ा करने की चाह रखने वाली मानसी ने इन विषम परिस्थितियों में भी हार नहीं मानी और अपने कोच के निर्देशन में खेल की बारिकियां सीखते हुए लगातार आगे बढ़ती रही। सबसे खास बात तो यह है कि अपनी मेहनत और लगन के बलबूते इस मुकाम को हासिल करने वाली मानसी अब तक कई स्वर्ण पदक अपने नाम कर चुकी हैं। इसी साल जून महीने में गुजरात में आयोजित 20वीं नेशनल फेडरेशन कप जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप की 10 किलोमीटर रेस वॉकिंग स्पर्धा में भी मानसी ने स्वर्ण पदक जीता था।