Uttarakhand: फूलों की घाटी यानी नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क जो की उत्तराखंड के चमोली, पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिले मैं फैला है, यह फूलों की घाटी पर्यटकों के लिए 1 जून से खोल दी गई है और लगातार 700 से अधिक पर्यटक घाटी पहुंच चुके हैं। आपको बताते चलें की हर साल फूलों की घाटी में 300 से भी अधिक प्रजातियों के फूल खिलते हैं हालांकि इस बार बारिश ना होने के कारण घाटी में अभी करीब एक दर्जन प्रजाति के फूल ही खिले हैं। इसी के साथ ही नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क प्रशासन को बारिश होने और फूलों के खेलने का इंतजार है।
नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी माना जाता है पर लंबे समय से बारिश ना होने के कारण इस वर्ष अभी तक घाटी में बेहद कम फुल नजर आ रहे हैं। जबकि पिछले साल के मुताबिक सामान्य स्थिति में यहां जून के प्रथम सप्ताह में ही फूल खिल जाते थे। घाटी से लौटते हुए पर्यटक अल्मोड़ा के गोकुल कुमार गोस्वामी, बंगाल की करण सलूजा का मानना है कि अभी फिलहाल घाटी में बहुत ही कम प्रजाति के फूल खिले हैं लेकिन प्राकृतिक सुंदरता अद्भुत है। माना जाता है कि फूलों की घाटी मैं जुलाई और अगस्त में सबसे अधिक फूल खिलते हैं, यहां 300 से भी अधिक प्रजातियों के फूल देखने को मिलते हैं जो कि इस बार कारण वर्ष बारिश के वजह से नहीं हुए।
फूलों की घाटी के वन क्षेत्रधिकारी बृजमोहन भारती से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि बरसात ना होने से इस बार कम फूल खिले हैं, बारिश होते ही घाटी फूलों से सरोवर हो जाएगी और इसी दौरान पूरी घाटी रंग-बिरंगे फूलों से महकने लगेगी। उत्तराखंड के चमोली क्षेत्र में स्थित नंदा देवी घाट 87 sq. Km तक फैला हुआ है। 300 से भी अधिक प्रजातियों के फूल पाए जाने वाली इस घाटी मैं इस साल बारिश ना होने के कारण जून के पहले सप्ताह में एक दर्जन प्रजाति के फूल ही खिल पाए है।