कुमाऊँ यूनिवर्सिटी से यूं तो काफी ऐसे लोगो ने शिक्षा प्राप्त की है जो वर्तमान में बड़े बड़े पदों पर आसीन है लेकिन जहाँ कुमाऊँ यूनिवर्सिटी को एक समय प्रतिष्ठा की नज़रों से देखा जाता था वहीँ आजकल अपने बेतरतीब पाठ्यक्रम, अधिकारीयों की लापरवाही और परीक्षाओं में लेट-लतीफी के कारण वर्षों की बनायीं गरिमा को धूमिल कर रही है.
आज हम आपको एक ऐसी ही बात बताने जा रहे हैं जिसे पढ़ने के बाद आप भी इस बात पर यकीन करने पर मजबूर हो जायेंगे की किस तरह परीक्षार्थियों की अंक तालिका की जांची जाती है.
मामला कुमाऊँ यूनिवर्सिटी के अंतर्गत आने वाले एक लॉ कॉलेज का है, हाल ही में कुमाऊँ यूनिवर्सिटी ने एलएलबी 3rd सेमेस्टर का परीक्षाफल घोषित किया था जिसमे छात्रों ने यूनिवर्सिटी पर परीक्षा में जानबूझकर कम अंक देने का आरोप लगाया, 3rd सेमेस्टर के अधिकाशं छात्रों को अनुत्तीर्ण घोषित कर दिया. वही एक मामला ऐसा हुआ जिस पर विश्वास कर पाना काफी मुश्किल है.
हुआ यूं की एक छात्र (नाम ना खोलने की शर्त पर जानकारी साझा करने को तैयार हुए) जो की वर्तमान में उधम सिंह नगर स्थित लॉ कॉलेज का छात्र है. उक्त छात्र को एलएलबी के एक सब्जेक्ट में 100 में से शून्य अंक मिले हैं. आपको बतातें चलें की एल एल बी का एक थेओरीटिकल सब्जेक्ट administrative लॉ है, इस सब्जेक्ट में छात्र को 100 में से जीरो नंबर मिले हैं. वही छात्र के अन्य सब्जेक्ट में ठीक ठाक नम्बर है लेकिन इस विषय में जीरों नंबर आने के कारण छात्र को फ़ेल घोषित किया गया है.
उत्तराखंड न्यूज़ एक्सप्रेस ने जब छात्रों से बात की तो उन्होंने बताया की उन्हें भी इस बात पर विश्वास नहीं हो रहा की कैसे थेओरी के विषय में किसी के शून्य अंक आ सकतें हैं जबकि छात्र उस परीक्षा में अनुपस्थित भी नहीं था.
वहीँ उधम सिंह नगर के एक अन्य लॉ कॉलेज में भी इसी विषय में एक छात्र के 100 में से मात्र 1 अंक मिला है, जो की चर्चा का विषय बना हुआ है. विधि के छात्रों का कहना है की यूनिवर्सिटी ने ऐसा क्यों किया इसका अभी तक कोई स्पष्टीकरण नहीं मिला है लेकिन जल्द ही इस मामले को लेकर कोई ना कोई एक्शन ज़रूर लिया जायेगा.