हल्द्वानी – आप देश की किसी अन्य राज्य में रहतें है और आपसे पुछा जाए की पुलिस के बारे में आपकी क्या राय है तो शायद आपके विचार पुलिस की छवि को लेकर अच्छे ना हो लेकिन अगर आप उत्तराखंड में रहतें है और आपसे पुछा जाए की उत्तराखंड की पुलिस कैसी है तो आप तुरंत पलटकर कहतें है की मित्रता-सेवा-सुरक्षा. उत्तराखंड पुलिस की यह छवि ऐसा नहीं है की कुछ ही दिनों में बन गयी है वरन इसके पीछे दिन रात की मेहनत काम करती है. आपने चौराहे पर ट्रैफिक पुलिस जवान देखा होगा, आजकल की जिस धुप में हम और आप 5 मिनट नही ठहर सकतें वहां वो जवान मुस्तैदी से टिका रहता है ताकि लोग यातायात के नियमों का पालन करें. कोरोनाकाल में जिस तरह उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार के नेत्रत्व में ‘मिशन हौसला’ चलाकर पहाड़ के दुर्गम इलाकों में राशन और मेडिकल हेल्प पहुंचाई, उस कार्य से बनती है पुलिस की मित्रता- सेवा छवि.
वहीँ आजकल धार्मिक स्थानों पर लफंगों और नशाखोरो से सुरक्षा हेतु मिशन मर्यादा भी चलाया जा रहा है जिसके अंतर्गत उन लोगो की धरपकड़ जारी है जो धार्मिक स्थानों को बार समझकर नशा करतें है तथा हुडदंग मचातें हैं. ऐसे मिशन से पुलिस की ‘सुरक्षा’ छवि और अधिक भरोसेमंद बनती है.
वहीँ एक ताज़ा मामला आपको बताएं जिसमे एक पुलिसकर्मी है एक पढ़ाई में होनहार बच्चा है और पढ़ाई तथा बच्चे के बीच में गरीबी की दीवार है. एक बच्चा जिसका नाम गजेन्द्र है और जिसने हाई स्कूल की परीक्षा में 94.6 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण की है लेकिन गजेन्द्र के पिता राज मिस्त्री का कार्य करतें है जिस कारण उनके पास किताबे खरीदने, पढ़ाई जारी रखने एवम ऑनलाइन क्लास करने के लिए स्मार्टफ़ोन नही है. ऐसी परिस्थितयों में किसी तरह यह जानकारी उपनिरीक्षक कमल कोरंगा के पास पहुंची, उपनिरीक्षक कमल शिक्षा की महत्वता को समझते थे तो उन्होंने किसी तरह व्यवस्था करके बच्चे गजेन्द्र के लिए एक आई-पैड का इन्तेजाम किया और छात्र गजेन्द्र चिलवाल को अपने हाथों से यह आई-पेड भेट किया तथा सुनहरे भविष्य हेतु शुभकामनायें दी.
ज़ाहिर सी बात है की सीपीयू प्रभारी हल्द्वानी उपनिरीक्षक कमल कोरंगा की यह मदद एक गरीब छात्र की पढ़ाई बीच में ही बंद नहीं होने देगी, अगर आपको लगता है की इस तरह के सराहनीय कार्य जारी रहने चाहिए तो कमेंट बॉक्स में हमे ज़रूर बताएं. हमारे न्यूज़ पोर्टल उत्तराखंड न्यूज़ एक्सप्रेस पर ख़बरें पढ़ने के लिए हमारा फेसबुक पेज लाइक करें.