देहरादून: उत्तराखंड की लोकसंस्कृति की दुनिया में अलग पहचान बन रही है। अब उत्तराखंड को विश्व के किसी भी कोने में परिचय की ज़रूरत नही है।
उत्तराखंड के पहाड़, पहाड़ की संस्कृति, कल्चर, वेशभूषा, बोली, लोक नृत्य, कला का दमखम आज पूरा विश्व देख रहा है। हाल ही में एक बार फिर से यह साबित हो गया कि विश्व पटल में उत्तराखंड का मुकाम कितना ऊंचा है। हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के सिडनी के कुडोस बैंक अरीना स्टेडियम में पारंपरिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ जिसमें स्वयं पीएम मोदी ने शिरकत की। पूरा स्टेडियम खचाखच भरा हुआ था लोगों की गूंज पूरे स्टेडियम में सुनाई दे रही थी और खचाखच भरे हुए स्टेडियम के बीच में उत्तराखण्डियों ने पारंपरिक पोषक पहन कर और नृत्य कर सबका मन मोह लिया। सामुदायिक कार्यक्रम में उन्होंने विश्वपटल में उत्तराखंड का मान बढ़ाया है। मोदी सिडनी में आयोजित एक पारंपरिक कार्यक्रम में सम्मिलित होने सिडनी पहुंचे थे। सिडनी में पीएम मोदी का स्वागत अलग तरह से किया गया। यहां एयरक्राफ्ट की मदद से वेलकम मोदी लिखा गया। यहां उन्होंने कार्यक्रम में हिस्सा लिया। कार्यक्रम के दौरान भारत के पारंपरिक तौर-तरीकों और सभ्यताओं की झलक देखने को मिली। तमिलनाडु से लेकर गुजरात और फिर उत्तराखंड के नृत्य गीत ने सबका मन मोह लिया।
बता दें कि इसी कार्यक्रम में उत्तराखंडी एसोसिएशन ऑफ सिडनी की छैल छबीली बांध ग्रुप की 15 महिलाओं ने कार्यक्रम में पारंपरिक वेशभूषा पहनकर उत्तराखंड के प्रसिद्ध लोक गायक किशन महिपाल का लोकगीत घुघुती और प्रियंका मेहर के गीतों पर नृत्य कर देवभूमि की छटा बिखेरी। इस कार्यक्रम में कुल 20 कार्यक्रम हुए और इन 20 कार्यक्रमों में उत्तराखंड कार्यक्रम का शामिल होना देवभूमि के लिए गर्व की बात है। इतना ही नहीं, इस कार्यक्रम में मंच संचालन भी उत्तराखंड की दीप्ती भट्ट ने किया जो की देवभूमि के लिए गौरवशाली बात है। कार्यक्रम के आयोजक इंडियन ऑस्ट्रेलियन डायस्पोरा फाउंडेशन (आईएडीएफ) के निदेशकों में से एक जय शाह ने ऑस्ट्रेलिया के एक सार्वजनिक सेवा प्रसारक को बताया, ‘‘भारतीय ऑस्ट्रेलियाई समुदाय नौ साल बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का स्वागत करने को लेकर उत्साहित बेहद उत्साहित था। वह 2014 में ऑस्ट्रेलिया आए थे और सिडनी के सामुदायिक स्वागत समारोह में एक बड़ी भीड़ ने उनका स्वागत किया था। एक बार फिर से मोदी का जादू देखने को मिला है”।