आपको याद होगा की देहरादून के सहत्रधारा रोड के चौड़ीकरण को लेकर जब सड़क के दोनों ओर के पेड़ काटे जाने की कार्यवाही शुरू हुई थी तब कितना अधिक हंगामा हुआ था. जिसके बाद मामला हाई कोर्ट तक पहुँच गया था और हाई कोर्ट ने पेड़ों को काटने पर रोक लगा दी थी.
वही हाई कोर्ट से आज जो खबर सामने आई है उससे पर्यावरण प्रेमियों को झटका लग सकता है. नैनीताल हाईकोर्ट ने देहरादून सहस्रधारा रोड के चौड़ीकरण में 2057 पेड़ों के कटान पर लगी रोक हटा दी है।
देहरादून निवासी आशीष गर्ग ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया कि देहरादून जोगीवाला से खिरसाली चौक होते हुए सहस्रधारा मार्ग के प्रस्तावित चौड़ीकरण के लिए 2057 पेड़ों का कटान किया जाना है। देहरादून घाटी और शहर पहले से जलवायु परिवर्तन की मार झेल रहा है। हर जगह हीट आईलैंड विकसित हो रहे हैं और तापमान में बढ़ोतरी हो रही है।
याचिका में कहा कि सहस्रधारा अपने शीतल जल और पर्यावरण के लिए जाना जाता है जबकि इस तरह के प्रस्तावित कटान से सहस्रधारा तक का पूरा रास्ता उजाड़ और बंजर हो जाएगा। इसके अस्तित्व को बचाए रखने के लिए पेड़ों के कटान पर रोक लगाई जाए।
सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से कहा गया कि जिन यूकेलिप्टस पेड़ों को हटाया जाना है वह आयु पूरी कर चुके हैं और सरकार की भूमि पर हैं। यूकेलिप्टस के कटान के लिए अनुमति की जरूरत नहीं है। राज्य में जो प्रत्यारोपण किया जा रहा है, उसमें सौ प्रतिशत सफलता मिल रही है। आइआइएम काशीपुर में भी प्रत्यारोपण सफल रहा है। दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद कोर्ट ने पेड़ों की कटान पर लगी रोक हटा दी।