जैसा कि 3 मई से चारधाम यात्रा की शुरुआत हो रही है। आगामी तीन मई को अक्षय तृतीया के दिन गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट खुलेंगे और केदारनाथ के कपाट 6 मई और बदरीनाथ के 8 मई को कपाट खुलेंगे। कोविड महामारी के दो साल बाद चारधाम यात्रा को लेकर लोगों में भारी उत्साह है। ऐसे में इस बार भारी संख्या में श्रधालुओ के आने की उम्मीद है। वहीं बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को देखते हुए भी सरकार अनेक प्रकार के इंतज़ाम में जुटी हुई है। इसी कड़ी के साथ कोरोना को लेकर सरकार द्वारा कुछ नियम भी बनाये जा रहे है। बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में प्रदेश सरकार ने क्षमता के अनुसार प्रतिदिन दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की संख्या तय कर दी है। आपको बता दें कि केदारनाथ धाम में 12 हजार, बदरीनाथ में 15 हजार, गंगोत्री में सात हजार, यमुनोत्री धाम में एक दिन में चार हजार श्रद्धालुओं को दर्शन कर सकेंगे। तीन से 31 मई तक चारधाम यात्रा के लिए 2.29 लाख से अधिक यात्री पंजीकरण करा चुके हैं।
यह व्यवस्था यात्रा सीजन के पहले 45 दिनों के लिए बनाई गई है। चारधामों में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने मंदिर परिसर की क्षमता और ठहरने की व्यवस्था के आधार पर दर्शन के लिए यात्रियों की अधिकतम संख्या तय की है। चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए यात्रा मार्गों पर रात 10 बजे से सुबह चार बजे तक वाहनों का आवागमन प्रतिबंध रहेगा। इसके अलावा यात्रा पर आने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए पर्यटन विभाग के पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य होगा। यात्रा के दौरान कोविड के अनुरूप व्यवहार का पालन करना होगा।