अल्मोड़ा- प्रदेश की सांस्कृतिक नगरी और बुद्धिजीवियों का गढ़ कहे जाने वाले शहर अल्मोड़ा में हाल ही में हुई एक दलित की हत्या को लेकर काफी आक्रोश देखने को मिल रहा है. आपको बताते चलें की अल्मोड़ा जनपद के भिकियासैंण विकासखंड में दलित युवक जगदीश चंद्र की ‘सवर्ण’ युवती से विवाह करने पर युवती के परिवारजनों द्वारा अपहरण कर हत्या का मामला सामने आया है.
इस मामले में यह पक्ष भी सामने आया है कि हत्या से 12 दिन पूर्व ही युवक-युवती ने अंतर्जातीय विवाह किया था और युवती के परिजनों से लगातार मिल रही जान से मारने की धमकियों के चलते उन्होंने कुछ दिन पूर्व ही एसएसपी को पत्र लिखकर सुरक्षा प्रदान करने की माँग की थी. इतना संवेदनशील मामला होने के बावजूद पुलिस द्वारा नवविवाहित दंपत्ति को सुरक्षा प्रदान नहीं की गयी. पुलिस प्रशासन की इस भारी लापरवाही एवं चूक के चलते एक दलित युवक को अपनी जान गंवानी पड़ी.
इस मामले को लेकर आज पिथौरागढ़ में युवाओं ने अपना आक्रोश ज़ाहिर करते हुए ज़िलाधिकारी कार्यालय के समक्ष नारेबाज़ी कर प्रदर्शन किया. मुख्यमंत्री एवं पुलिस महानिदेशक, उत्तराखंड को ज्ञापन प्रेषित कर युवाओं ने सभी दोषियों पर कठोर कार्यवाही के साथ साथ इस मामले में पुलिस प्रशासन की ओर से की गयी लापरवाही की जाँच की मांग की गयी तथा दोषियों पर उचित कार्यवाही की मांग करते हुए ज्ञापन सौंपा गया, जिसमे कहा गया था की “हमारी माँग है कि इस घटना में शामिल सभी दोषियों पर कठोर कार्यवाही के साथ साथ इस मामले में पुलिस प्रशासन की ओर से की गयी लापरवाही की जाँच हो और दोषी कर्मियों पर उचित कार्यवाही की जाए साथ ही, प्रशासन की ओर से इस तरह की लापरवाही की पुनरावृत्ति न हो.”
“यह सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएँ सभी जातिगत उत्पीड़न की शिकायतों के संदर्भ में अतिरिक्त तत्परता एवं संवेदनशीलता से कार्यवाही की जाए. इसके लिए पुलिसबल को जातिगत हिंसा के मामलों की जांच करने, उनसे निपटने हेतु अलग से प्रशिक्षण देने जैसे तरीक़ों पर भी विचार किया जाए.”