कांग्रेस पार्टी में हाईकमान द्वारा प्रदेश अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष के पदों पर की गई नियुक्ति से पूरी कांग्रेस पार्टी में हलचल मची हुई है। कांग्रेस के तमाम नेतागण इस नियुक्ति से नाखुश नज़र आ रहे है। यहाँ तक की पार्टी के आठ से दस विधायको ने पार्टी त्यागने की चेतावनी भी दे दी है। ऐसे में धारचूला सीट से लगातार तीन बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचने वाले कांग्रेस के विधायक हरीश धामी भी आलाकमान के इस फैसले से काफी नाराज़ नज़र आ रहे है। विधायक दल के उपनेता की मेरिट के आधार पर नियुक्ति के बयान पर हरीश धामी ने कहा कि मेरिट के आधार पर यदि इन पदों पर नियुक्ति करनी थी तो वह सबसे उपयुक्त थे। उन्होंने कहा कि विधायक मयूख महर और मनोज तिवारी अधिक उपयुक्त होते, लेकिन मेरिट की बात करने वालों ने सभी वरिष्ठों को जूनियर विधायकों से नीचे रख दिया।
हरीश धामी का कहना है कि कांग्रेस पार्टी ने हमेशा उनकी उपेक्षा की है। उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार नहीं पार्टी द्वारा यह पहली बार उनकी उपेक्षा नहीं हुई है। 2017 के संगठन के चुनावों में उनकी उपेक्षा की जा चुकी है जबकि वह उस समय लगातार दूसरी बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। 2014 में मुख्यमंत्री को चुनाव जिताया था। लोक सभा चुनावों में भी सबसे अधिक मतदान उन्हीं की विधानसभा सीट पर हुआ था। आज तीन बार चुनाव जीतने वाले को दरकिनार कर मेरिट की बात कही जा रही है। वह सैनिक पृष्ठभूमि वाले परिवार से हैं। उनके पिता ने 1971 की लड़ाई लड़ी है। उन्होंने सवाल किया कि एक सैनिक का बेटा होने के बावजूद उनके साथ हर बार इस तरह का व्यवहार क्यों किया जाता है?