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हाई कोर्ट ने हल्द्वानी में रेलवे की 29 एकड़ भूमि पर अतिक्रमण के विरुद्ध दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। न्यायाधीश न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने कहा कि, जो लोग इससे प्रभावित हैं। वह दो सप्ताह के भीतर अपना पक्ष समस्त कागजात के साथ कोर्ट में पेश कर सकते है। इस सम्बंध में कोर्ट ने हाई कोर्ट की रजिस्ट्री को आदेश दिए है कि दो प्रचलित समाचार पत्रों में एक पब्लिक नोटिस शीघ्र प्रकाशित करें। अगली सुनवाई को दो सप्ताह बाद की तिथि नियत की है।
हाई कोर्ट ने 9 नवम्बर 2016 को हल्द्वानी के रविशंकर जोशी की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए 10 सप्ताह के भीतर रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि जितने भी अतिक्रमणकारी है, उनको रेलवे पीपीएक्ट के तहत नोटिस देकर जनसुनवाई करें।
रेलवे की तरफ से कहा गया कि हल्द्वानी में रेलवे की 29 एकड़ भूमि पर अतिक्रमण किया गया है, करीब 4365 परिवार मौजूद है। हाई कोर्ट के आदेश पर इनको पीपीएक्ट में नोटिस दिया गया। जिसकी रेलवे ने पूरी सुनवाई कर ली है। किसी भी व्यक्ति के पास जमीन के वैध कागजात नही पाए गए। इनको हटाने के लिए रेलवे ने जिला अधिकारी नैनीताल से दो बार सुरक्षा दिलाए जाने हेतु पत्र दिया गया।