उत्तराखंड की ukssc की भर्ती के लिए बदनुमा दाग बन चुके भर्ती घोटाले को लेकर एसटीऍफ़ लगातार नए खुलासे कर रही है, अभी तक कुल मिलकर 30 लोग हिरासत में लिए गये हैं और सम्भावना है की इससे भी ज्यादा लोग अभी गिरफ्त से बचे हुए हैं. सभी गिरफ्तारियों के बीच जो सवाल सबसे अधिक पुछा जा रहा है वो यह की आखिर कौन है इन घोटालों का सरगना?, कौन है जिसकी शह पर इतना बड़ा भर्ती घोटाला करने का हौसला कर्मचारियों में आ गया? किसकी छत्रछाया में पेपरलीक की बारिश की गयी?
पक्ष और विपक्ष दोनों ही इस भर्ती घोटाले को लेकर गंभीर है वहीँ इन सबके बीच कांग्रेस विधायक दल में उप नेता प्रतिपक्ष व खटीमा के विधायक भुवन कापड़ी उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के भर्ती घोटाले में सीबीआई जांच की मांग को लेकर हाई कोर्ट पहुंच गए हैं। उनकी याचिका पर सोमवार को सुनवाई हो सकती है।
बुधवार को दाखिल याचिका में कहा गया है कि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने शिक्षा, पुलिस, वन विभाग और ग्रामीण विकास विभाग समेत कई महत्वपूर्ण विभागों के पदों पर भर्तियां कराई हैं। इन भर्तियों में हुए घोटाले खबरें सामने आ चुकी हैं। मामले की जांच स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) कर रही है।
भर्ती घोटाले की जांच के तार उत्तर प्रदेश के साथ ही अन्य राज्यों से भी जुड़े हैं। इसमें उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश के कई घोटालेबाजो को गिरफ्तार भी किया जा चुका हैं। कापड़ी ने उच्च न्यायालय से प्रार्थना की है कि इस भर्ती घोटाले में सफेदपोश और उत्तर प्रदेश के प्रभावशाली लोगों के नाम आने के कारण इसकी जांच सीबीआई से कराई जाय।
भुवन कापड़ी ने इस सम्बंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम लिखे एक पत्र में कहा है कि पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले की तरह ही यहां भी सीबीआई की जांच कराई जानी चाहिए क्योंकि ये बंगाल के उस घोटाले से भी अधिक बड़ा घोटाला है।