बच्ची की दादी ने ही पोते (लड़के) की चाह में अपनी पोती की ह’त्या कर शव को पानी की टंकी में डाल दिया था। साक्ष्य मिटाने में मदद करने में महिला का भतीजा भी आरो’पी निकला। पुलिस अधीक्षक राजन दुष्यंत ने बताया कि 29 अक्टूबर 2022 को 10 महीने की बच्ची ‘मिष्टी’ को मारकर लाश पानी की टंकी में मिलने से थाना निकुम्भ पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ हत्या में प्रकरण दर्जकर थानाधिकारी निकुम्भ यशवंत सिंह उप निरीक्षक ने तफ्तीश शुरू की।
पुलिस ने घट’ना स्थल के आस पास गोपनीय तरीके से घट’ना के सम्बन्ध में तहकीकात कर हत्यारों की तलाश की। सोमवार को संदिग्धों से पुलिस पूछताछ के दौरान पता चला कि मृतका मिष्टी की दादी आलाखेड़ी थाना निकुम्भ जिला चितौड़गढ निवासी 60 वर्षीय लीला पत्नी भंवरलाल मेनारिया ने खुद पोते (लड़के) की चाहत में अपनी पोती को मार दिया और सबूतों को नष्ट करने के लिए अपने जेठ के बेटे 42 वर्षीय अर्जुन पुत्र सोहन लाल गोदीपुत्र राधाकिशन मेनारिया को बता साक्ष्य नष्ट करवाए।
मामले में दोनों आरोपियों लीला मेनारिया और अर्जुन को गिर’फ्ता’र किया गया। प्रकरण में अग्रिम अनुसन्धान जारी है। जानकारी के अनुसार, बच्ची की दादी और ताऊ ने बच्ची के अपहरण की झूठी अफवाह भी फैला दी, जिससे लोगों का ध्यान उनकी और से हट जाये। हत्या के साक्ष्य मिटाने में शामिल ताऊ ने ही बच्ची की हत्या का मुकदमा थाना निकुम्भ पर दर्ज कराया। मृतका बच्ची का पिता दुबई में हलवाई का काम करता था, जिसके तीन पुत्रियां थी। पौत्र की चाह में ही दादी ने की पौत्री की ह’त्या।