बागेश्वर: अब उत्तराखंड के बागेश्वर के स्कूल में भी बच्चे चीखने चिल्लाने लग गए हैं। यह पहला केस नहीं है। ऐसे कई केस आ चुके हैं। इससे पहले चमोली के एक सरकारी स्कूल में भी ऐसा हुआ। अब बागेश्वर में रैखाल और सनेती के स्कूलों के बाद खाती स्कूल में ऐसा हो रहा है।उत्तराखंड के कई स्कूलों में ऐसी घटनाएं देखी जा चुकी है। अब बागेश्वर में स्कूल पहुंचते ही कुछ छात्राएं जोर-जोर से चीख चिल्ला रही हैं और अजीबोगरीब हरकतें कर रही हैं। बागेश्वर में बीते मंगवाल को तीन छात्राओं ने फिर से अजीबोगरीब हरकतें करना शुरू कर दिया। वह विद्यालय आने पर चिल्लाने लगती हैं, रोने लगती हैं और अजीबोगरीब हरकतें करने लगती हैं जिनकी वजह से उनके अभिभावक बेहद परेशान हो गए हैं। तीनों छात्राओं ने विद्यालय जाना बंद कर दिया है।
अभिभावकों के अनुसार वह बालिकाओं का उपचार घर में करा रहे हैं। वे घर में रहती हैं तो वह ठीक रहती है और विद्यालय जाने पर इस तरह की हरकतें करने लग जाती हैं। दरअसल बागेश्वर के पिंडारी ग्लेशियर के अंतिम गांव खाती के इंटर कॉलेज में यह अजीबो गरीब घटना हो रही है। यहां पर वर्तमान में 75 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं और अभिभावकों के अनुसार नौवीं से 12वीं तक की छात्राएं यहां पर आए दिन बेहोश हो रही हैं और चीख चिल्ला रही हैं, अजीबोगरीब हरकतें कर रही हैं।
नवंबर के अंतिम सप्ताह में 2 छात्राएं बेहोश गईं और उसके बाद वह संख्या 15 तक पहुंच गई। बीते मंगलवार को तीन छात्राएं फिर से अजीबोगरीब हरकतें करने लगीं। बच्चियों के परिजनों का कहना है कि बालिकाओं को अस्पताल में भी दिखाया गया है और विद्यालय में पूजा का आयोजन भी हुआ है मगर उसके बावजूद यह सिलसिला रुक नहीं रहा है। सब कुछ करने के बावजूद भी कोई लाभ नहीं मिल रहा है। विद्यालय के शिक्षक भी इससे बेहद परेशान हैं। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी हरीश पोखरियाल के अनुसार यह मास हिस्टीरिया का केस है जिसमें काउंसलिंग बहुत सहायक साबित होती है।
हरीश पोखरियाल ने बताया कि फिलहाल बोर्ड परीक्षा नजदीक है और छात्राएं कई किलोमीटर पैदल चल कर विद्यालय पहुंचती हैं जिस वजह से वे कभी-कभी ऐसी हरकतें करने लगती हैं और चीखने चिल्लाने लगती हैं। फिलहाल विद्यालय में स्वास्थ्य शिविर का आयोजन करने की तैयारी की जा रही है जिसमें सभी छात्र एवं छात्राओं की काउंसलिंग की जाएगी।