हल्द्वानी- जहाँ केंद्र सरकार लगातार कोविड से जंग को लेकर देशवासियों को सचेत कर रही है वहीँ मुनाफाखोरी के कारण अस्पताल निर्माण में हुई चालाकी की कलई 2-4 बारिशों में ही खुल गयी है. हम बात कर रहें हैं जनरल बीसी जोशी कोविड अस्पताल जो की कोरोनाकाल में मरीजों का बेहतर ईलाज करवाने के लिए बनाया गया था तथा जिसे शुरू हुए अभी मात्र तीन दिन ही हुए हैं उस अस्पताल की छत टपकने लगी है.
हिन्दुस्तान में प्रकाशित खबर के अनुसार राजकीय मेडिकल कॉलेज परिसर में 35 करोड़ की लागत से बना फेब्रिकेडेट कोविड हॉस्पिटल शुरू होने के चौथेे दिन ही टपकने लगा है। शनिवार सुबह हुई तेज बारिश से चार स्थानों पर छत टपकने लगीं। इसके साथ ही गैलरी में तमाम जगह पर पानी टपक रहा था। अस्पताल के टॉयलेट में पानी टपकने से मरीजों व कार्मिकों को परेशानी हुई। ऑक्सीजन पाइप लाइन भी पानी में डूब गई। यही हालात रहे तो ज्यादा बारिश होने पर अस्पताल के सारे वार्डों में पानी घुस सकता है। वर्तमान में अस्पताल में सिर्फ 12 मरीज भर्ती हैं। डीआरडीओ ने 35 करोड़ की लागत से जनरल बीसी जोशी कोविड हॉस्पिटल का रिकॉर्ड 21 दिनों में निर्माण पूरा किया है।
इसमें फेब्रिकेटेड अस्पताल के बेस, सड़कें, बिजली व पानी की व्यवस्था राज्य सरकार की ओर से की गई। रिकॉर्ड समय में अस्पताल का निर्माण पूरा होने के बाद मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने इस अस्पताल का बीती दो जून को वर्चुअल लोकार्पण किया था, जबकि नौ जून को अस्पताल मरीजों के लिए खोल दिया गया था। अस्पताल के लोकार्पण के समय डीआरडीओ व प्रशासन के अधिकारियों की तारीफ में तमाम कसीदे पढ़े गए। गैलरी व टॉयलेट में पानी टपकने के कारण मरीजों व कर्मचारियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। बरसात में और दिक्कत हो सकती हैं।