हरिद्वार महाकुंभ के दौरान एंटीजन जांच में बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद सरकार ने राज्य में टेस्टिंग कर रही सभी प्राइवेट लैब की जांच करने का निर्णय लिया है। स्वास्थ्य महानिदेशालय ने इस संदर्भ में आदेश कर दिए हैं।
गौरतलब है की प्राइवेट लैब में खामियां आने के बाद से सरकार पर लगातार दवाब है की प्राइवेट लैब में की जा रही टेस्टिंग की जांच की जाए. स्वास्थ्य विभाग ने राज्य में जांच कर रही सभी प्राइवेट लैबों द्वारा की जा रही टेस्टिंग की जांच कराना का निर्णय लिया गया है।
जांच के बाद ही होगा भुगतान : सरकारी प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने बताया कि स्वास्थ्य महानिदेशक ने इस संदर्भ में आदेश कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि सभी जिलों में कोरोना की जांच कर रही लैबों की ओर से दिए जा रहे बिलों का भुगतान करने से पहले ठीक से परीक्षण करने को कहा गया है। उन्होंने बताया कि लैब के द्वारा दिए गए बिलों के भुगतान से पहले उनसे पूछा जाएगा कि उन्होंने कितनी जांच किट खरीदी और कहां से खरीदी। इसका उनसे प्रमाण भी लिया जाएगा। ताकि फर्जी जांच का आंकड़ा सामने आ जाए।
मंत्री ने खुद पकड़ा था फर्जीवाड़ा : सरकारी प्रवक्ता व कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल खुद भी ढालवाला में फर्जी आरटीपीसीआर रिपोर्ट देने वाले एक गिरोह को पकड़ चुके हैं। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले में संदेह के घेरे में आई एक लैब को प्रतिबंधित भी कर दिया था। इसके बाद अब हरिद्वार में जांच करने वाली लैब की परेशानी बढ़ सकती है।