लोगो का मान ना है कि बच्चे घर में और स्कूल में बाहरी दुनिया के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित है। मगर आज के दौर में हो रही घटनाओ से लगता है की बच्चो को खतरा ज्यादा यही पर है। आए दिन खबरों में सुनने को मिलता है कि किस प्रकार से बच्चो को मानसिक उत्पिरण या दुष्कर्म का सामना करना पढ़ रहा है। ऐसा ही कुछ कालसी तहसील क्षेत्र के अंतर्गत सरकारी विद्यालय में कक्षा 10 वीं की छात्रा के साथ शिक्षक ने किया है। दरअसल मामला 28 जुलाई का है जब सरकारी विद्यालय में मासिक परीक्षा चल रही थीं। उसी दोरान छात्रा ने शिक्षक के खिलाफ छेड़छाड़ का आरोप लगाया है।
पूरे मामले के मुताबिक छात्रा द्वाराआरोप है कि शिक्षक विनोद कुमार पॉल निवासी डोईवाला ने उसके साथ छेड़खानी की। इस दौरान जब छात्रा चिल्लाने लगी तब स्कूल का पूरा स्टाफ मौके पर पहुंच गया। इससे सहमी छात्रा ने परिजनों को घटना के बारे में जानकारी दी। जिसके बाद आक्रोशित परिजन और ग्रामीण सोमवार को स्कूल पहुंचे। ग्रामीणों ने शिक्षक का घेराव कर जमकर हंगामा किया। जिसके बाद मामले की सूचना मिलने पर कालसी पुलिस और नायब तहसीलदार हरेंद्र खत्री के नेतृत्व में राजस्व पुलिस भी मौके पर पहुंच गई और छेड़छाड़ और पॉक्सो ऐक्ट में मुकदमा दर्ज कर शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया है।
नायब तहसीलदार हरेंद्र सिंह खत्री ने बताया कि छात्रा की मां ने आरोपी शिक्षक के खिलाफ तहरीर दी है। शिक्षक के खिलाफ छेड़खानी और पॉक्सो ऐक्ट में मुकदमा दर्ज उसे गिरफ्तार तो कर लिया गया है मगर इसी बिच बार बार एक ही सवाल निकल रहा है कि आखिर लगातार स्कूलों में बढ़ रहे ऐसे शर्मसार कर देने वाली घटनाओ का दोषी कोन है? आखिर प्रसाशन द्वारा इन मुद्दों को आम समझ कर नजर अंदाज क्यों किया जा रहा है?