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बागेश्वर। नगर पालिका के कार्यकारी अधिकारी (ईओ) की कुर्सी को लेकर प्रशासनिक गतिरोध सामने आया है। विवाद इतना बढ़ा कि एक ही पद पर दो अफसरों ने दावा किया। इस दौरान कार्यालय के कमरे पर दो ताले लग गए और दो दिनों तक हाईवोल्टेज ड्रामा चला। मंगलवार को प्रशासन की दखल के बाद स्थिति थोड़ी शांत हुई, लेकिन विवाद अभी भी लंबित है।
विवाद की शुरुआत 17 सितंबर को हुई, जब ईओ मुहम्मद यामीन शेख का तबादला हुआ। कर अधिकारी हयात सिंह परिहार को प्रभारी ईओ का चार्ज मिला, लेकिन वित्तीय अधिकार नहीं दिए गए। 10 अक्टूबर को शासन के शहरी विकास के अपर निदेशक डॉ. ललित नारायण मिश्र ने डीएम को परिहार को वित्तीय अधिकार देने के निर्देश दिए, लेकिन आदेश अमल में नहीं आए।
इसके बाद 9 अक्टूबर को परिहार का हल्द्वानी तबादला कर दिया गया और धीरज कांडपाल को नया ईओ नियुक्त किया गया। असंतुष्ट परिहार ने उच्च न्यायालय का रुख किया। न्यायालय ने नए ईओ के चार्ज पर फिलहाल रोक लगाई और सुनवाई की तारीख 15 अक्टूबर तय की। इस बीच कांडपाल ने पालिका में कार्यभार संभाल लिया, जिससे विवाद और बढ़ गया।
दो ताले और चोरी के आरोप
पालिका कार्यालय पर 10 अक्टूबर के बाद दो ताले लगे रहे। मंगलवार को तहसीलदार दलीप सिंह की मौजूदगी में दोनों ताले खोले गए और परिहार ने पुनः कार्यभार संभाला। परिहार ने आरोप लगाया कि उनके कर निरीक्षक के कक्ष की अलमारियों में लगे ताले तोड़कर दस्तावेज और नकदी की चोरी की गई।
पालिकाध्यक्ष सुरेश खेतवाल ने कहा कि शासन ने धीरज कांडपाल को प्रभारी ईओ बनाया है और किसी अन्य को वित्तीय अधिकार नहीं दिया गया। उन्होंने चोरी के आरोपों को बेबुनियाद बताया और बताया कि कार्यालय में ताले लगाने का काम नियमित चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी करता है।
प्रभारी ईओ कांडपाल ने कहा कि उन्हें चार्ज सौंपा गया है और न्यायालय या विभाग के आदेशों का पालन किया जाएगा।
एसडीएम ने मामले की जांच के निर्देश दिए थे, जिसके बाद तहसीलदार ने मौके पर जाकर ताले खुलवाए।
— एनएस नबियाल, एडीएम बागेश्वर