अल्मोड़ा – उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में भूमि की अन्धाधुन खरीद फरोख्त को लेकर राज्य में हिमाचल प्रदेश की तर्ज़ पर भू-कानून बनाने की मांग की जा रही है, जिसे लेकर दो दिन पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी कहा था की एक उच्च स्तरीय कमेटी बनायीं जाएगी भू-कानून को लेकर.
वहीँ अल्मोड़ा में भू-कानून की मांग को लेकर सबसे पहले उत्तराखंड क्रांति दल ज़मीन पर आंदोलित रुख अपनाते हुए मुखर हो गया है बृहस्पतिवार को उक्रांद अल्मोड़ा इकाई ने राज्य में जमीनों की अंधाधुंध खरीद फरोख्त को रोकने, भू-कानून बनाए जाने समेत तमाम मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। नगर में जुलूस निकाल कलक्ट्रेट में जिला प्रशासन के माध्यम से राज्यपाल और मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी प्रेषित किया।
चौघानपाटा में धरने पर बैठे उक्रांद कार्यकर्ताओं ने कहा कि प्रदेश में लगातार हो रही जमीनों की अंधाधुंध खरीद फरोख्त को रोकने की जरूरत है। यहां भी हिमाचल प्रदेश की तर्ज में सशक्त भू-कानून बनना चाहिए। लंबे समय से गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाए जाने की मांग की जा रही है लेकिन अब तक इसे राजधानी नहीं बनाया गया।
उक्रांद ने नौकरियों के लिए मूल निवास प्रमाणपत्र अनिवार्य किए जाने, राज्य को पिछड़ा क्षेत्र घोषित करने, जंगली और लावारिस पशुओं के आतंक से निजात दिलाने समेत तमाम मांगें उठाईं। कार्यकर्ताओं ने नगर में जुलूस भी निकाला। वहां जिलाध्यक्ष शिवराज बनौला, ब्रह्मानंद डालाकोटी, महेश परिहार, गिरीश साह, मुमताज कश्मीरी, पान सिंह रावत, गोपाल सिंह मेहता, गिरीशनाथ गोस्वामी आदि थे।