डॉक्टर को भगवान का रूप माना गया है और उसे साबित कर दिखाया सुशीला तिवारी अस्पताल के डॉक्टरों ने जहां एक मासूम बच्ची ने पैर में पहनने वाली बिछिया को निगल लिया था उसे डॉक्टरों ने सफल तरीके से मशीन की मदद से निकाल लिया है और मासूम अब पूरी तरह स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हो गया है।
दरअसल सुशीला तिवारी अस्पताल के ई0एन0टी0 विभाग व चिकित्सकीय टीम की मेहनत मासूम व परिजनों के चेहरे पर मुस्कान वापस लाने में सफल रही । चिकित्सकों की मेहनत से बच्चे की जान बच गयी व बच्चा स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हो गया है।
ई0एन0टी0 विभाग के विभागाध्यक्ष डा0 शहजाद अहमद ने बताया कि गरूड़ बागेश्वर निवासी 3 वर्षीय कक्षित ने महिलाओं द्वारा पैर में पहनने वाली बिछिया निगल ली थी, जिसे परिजन बीते दिनों 22 मार्च शाम को डा0 सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय के आपातकालीन विभाग में लेकर आये।
एक्सरे करवाने पर पता चला कि बिछिया खाने की नली के बीच में फंस गयी है। एनेस्थिीसिया विभाग की मदद से बच्चे को बेहोश करके डा0 शहजाद अहमद ने मशीन से बिछिया को निकाला। बच्चे के ठीक हो जाने पर आज 23 मार्च को बच्चे को डिस्चार्ज कर दिया गया। ई0एन0टी0 विभाग के विभागाध्यक्ष डा0 शहजाद अहमद, ई0एन0टी0 विभाग की टीम, व एनेस्थिीसिया विभाग की डा0 प्रियंका चैरसिया व नर्सिग स्टाफ की मेहनत से बच्चे व परिजनों के चेहरे पर मुस्कान वापस लौटी।
डा0 अरूण जोशी प्राचार्य राजकीय मेडिकल ने बच्चे के स्वस्थ व डिस्चार्ज होने पर ई0एन0टी0 विभाग के विभागाध्यक्ष डा0 शहजाद अहमद व चिकित्सकीय टीम को बधाई देते हुए कहा कि डाक्टरों की मेहनत बच्चे के लिए नयी जिंदगी लेकर आयी। प्राचार्य डा0 जोशी ने आशा जताई कि चिकित्सक इसी तरह सेवा में जुटे रहेंगे