ख़बर शिक्षा विभाग से है आपको बता दे की निदेशक प्रारंभिक शिक्षा वंदना गर्व्याल के द्वारा राज्य के सभी विद्यालयों में पढ़ा रहे शिक्षकों के लिए आदेश जारी करते हुए स्पष्ट शब्दों में कहा गया कि लगातार मदिरा सेवन कर शिक्षकों के विधालय में आने की शिकायतें आना दुर्भाग्यपूर्ण है।
शिक्षकों को राष्ट्र निर्माता कहा जाता है ऐसे में मदिरा सेवन या नशे में शिक्षकों कार्मिकों और कार्यालय समय में कर्मचारियों को पाए जाने पर तत्काल उत्तरांचल राज्य कर्मचारी आचरण नियमावली के तहत कठोर कार्रवाई होनी चाहिए। बीते दिनों नशेड़ी अध्यापक बरखास्त हुए थे उनका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही शिक्षा विभाग में हलचल मच गई थी जिसके बाद विभाग का सख्ती में आना लाज़मी था।
निदेशक प्रारंभिक शिक्षा वंदना ने सचिव विद्यालयी शिक्षा, उत्तराखंड महानिदेशक विद्यालय शिक्षा, निदेशक माध्यमिक शिक्षा सहित सभी अधिकारियों को प्रेषित कार्यालय ज्ञापन में कहा है कि सभी मंडलीय जनपद एवं विकास खंड स्तरीय शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया जाता है कि किसी भी दशा में इस तरह की स्थिति उत्पन्न ना हो कि शिक्षकों कार्मिकों और कार्यालय कर्मचारियों को मादक पदार्थो या नशे के प्रभाव में मिलने की शिकायत आए। अन्यथा तत्काल प्रभाव से कठोर कार्रवाई की जाए।