20.9 C
Dehradun
Tuesday, September 26, 2023

“हम रेंग कर ट्रेन से बाहर निकले… चारों तरफ श’व पड़े थे”, ट्रेन हादसे की दर्दनाक कहानियां

Must Read

उत्तराखंड न्यूज़ एक्सप्रेस के इस समाचार को सुनें
- Advertisement -

ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार 2 जून की शाम एक वीभस्त ट्रेन हादसा हुआ. तीन ट्रेनों के इस हादसे में अबतक 280 लोगों की मौत हुई है. साथ ही 900 से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर सामने आई है. इस दौरान घटनास्थल पर मौजूद चश्मदीदों के बयान भी सामने आए हैं. आजतक की एक रिपोर्ट में एक यात्री, जो खुद हादसे का शिकार हुए बताते हैं.

हादसे के वक्त ट्रेन में यात्रा कर रहे लोगों ने आंखों देखा मंजर बयां किया. एक यात्री ने बताया कि आरक्षित श्रेणी में होने के बावजूद कोच खचाखच भरे हुए थे. ट्रेन पलटी, उस वक्त वो यात्री सो रहा था. उन्होंने आगे बताया कि अचानक एक झटका लगा, उनकी आंख खुली और तभी उनके ऊपर कम से कम 15 लोग आ गिरे. यात्री ने बताया कि वो किसी तरह जान बचाकर बाहर निकले. उन्होंने देखा कि किसी के हाथ नहीं थे, किसी के पैर नहीं थे और किसी-किसी का चेहरा बुरी तरह बिगड़ चुका था. यात्री ने आगे कहा कि उन्हें कई जगह चोट लगी है, पर शुक्र है कि उनकी जान बच गई.

ट्रेन में मौजूद एक और यात्री ने हादसे पर बात करते हुए कहा कि शाम 6:55 के आसपास जोर से आवाज आई और फिर ट्रेन पलट गई. जब तब कुछ समझ आता ट्रेन का एक्सीडेंट हो चुका था. एंबुलेंस और बचाव कर्मी तुरंत आ गए थे. जिस कारण हम लोगों को समय पर अस्पताल पहुंचाया जा सका. एक और यात्री ने बताया कि बोगियों और शौचालयों में फंसे लोगों को निकालने के लिए गैस कटर का इस्तेमाल किया गया. आजतक से बातचीत करते हुए एक और चश्मदीद ने बताया,

“ट्रेन पूरा हिल रही थी. पटरी से उतर गयी थी…”

- Advertisement -

एक अन्य यात्री ने बताया,

“मैं जनरल बोगी में था. अचानक से गाड़ी (में) इधर-उधर उठापटक होने लगी. बाद में पता चला कि इधर से (दूसरे ओर से) कोयला गाड़ी आ रही थी… (हमने उसे देखा नहीं) बेहोश थे हम…”

एक और यात्री ने बताया,

“पहले गाड़ी चलते-चलते पता चला कि गाड़ी पटरी से उतर गयी थी. फिर गाड़ी पलट गई. मेरे ऊपर सीट टूट के गिर गयी. मैं उसके नीचे आ गया था. दूसरे आदमी ने सीट हटाकर मेरे को बाहर निकाला. ट्रेन में सफर करने वाले लोगों ने ही मुझे निकाला.”

एक और महिला ने अपनी आपबीती बताई. कहा,

“हम लोग कोरोमंडल से आ रहे थे. और मैं जैसे ही वाशरूम से अंदर आई, मैंने देखा कि ट्रेन अचानक से पूरी टेढ़ी हो गई और मैं उसको पकड़ के (ट्रेन के हिस्से को)… मैं खुद बैलेंस नहीं कर पा रही थी, मैं गिरने जैसी हो गई थी क्योंकि मेरी बोगी पूरी टेढ़ी हो गई थी. चप्पल कहीं, बैग कहीं… सब सामान इधर-उधर हो गया था. सब लोग एक दूसरे के ऊपर गिर गए. अचानक से कुछ समझ में ही नहीं आया. माइंड ही काम नहीं कर रहा था, हुआ क्या…”

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के निवासी पीयूष पोद्दार भी इस हादसे में थे. वो बच गए. पीयूष बताते हैं कि वो तमिलनाडु जा रहे थे. हादसे को याद करते हुए पीयूष ने कहा,

“हमें झटका लगा और अचानक हमने ट्रेन की बोगी को एक तरफ मुड़ते देखा. कोच तेजी से पटरी से उतरने लगे और एक झटके के साथ हममें से कई लोग डिब्बे से बाहर निकल गए. ​​हम रेंग कर किसी तरह बाहर निकले. हमारे आस-पास चारों तरफ शव पड़े हुए थे.”

बता दें, 2 जून की शाम जब ओडिशा में हुए रेल हादसे की खबर आई, तब एक मालगाड़ी और एक एक्सप्रेस ट्रेन की टक्कर की बात सामने आई थी. बाद में पता चला कि दो नहीं बल्कि तीन ट्रेनों एक मालगाड़ी, कोरोमंडल एक्सप्रेस और हावड़ा एक्सप्रेस की टक्कर हुई थी. रेलवे के प्रवक्ता अमिताभ शर्मा ने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा हो चुका है. अब रेस्टोरेशन का काम शुरू होने जा रहा है.

- Advertisement -
हरिद्वार: कांवड़ मेले जोरों शोरों से चल रहा है। सभी राज्यों से लोग कांवड़ लेने हरिद्वार पहुँच रहे हैं।...

Latest News

More Articles Like This