‘क्या कहा? हल्द्वानी व उत्तराखंड को लोग तुम्हारी वजह से जानते हैं? यह दावा तो कभी वीर चंद्र सिंह गढ़वाली, भारत रत्न गोविंद बल्लभ पंत और पद्म विभूषण सुंदर लाल बहुगुणा ने भी नहीं किया..।’ इंटरनेट मीडिया पर यह टिप्पणी यूट्यूबर सौरभ जोशी के लिए की गई है।
फेसबुक, ट्विटर पर इस तरह की अनेक पोस्ट शेयर हो रही हैं। जिन पर अनगिनत कमेंट्स आ रहे हैं। सभी ने सौरभ को ट्रोल किया है। वहीं उत्तराखंड में सौरभ जोशी के पुतले जलाए जा रहे हैं और उन पर राजद्रोह च’मेरी वीडियो से लोग उत्तराखंड को जान रहे हैं’
पिछले दिनों में सौरभ ने अपने वीडियो में कहा कि ‘मेरी वीडियो से लोग उत्तराखंड को जान रहे हैं, हल्द्वानी को जान रहे हैं। हल्द्वानी को पहले कोई नहीं जानता था। अब हर कोई जान रहा है। ट्रेंडिंग में रोज हल्द्वानी रहता है।’ अपने इस बयान से सौरभ विवादों में आ गए हैं।
सृष्टि नाम के यूजर ने ट्वीट किया, ‘उत्तराखंड व हल्द्वानी को जानने की आपके अलावा भी बेहतरीन व ऐतिहासिक वजहें हैं। आप आत्ममुग्धता से भरे हैं। आपके यूट्यूब की दुकान बंद होने पर भी उत्तराखंड की लोकप्रियता पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।’
पंडित संदीप वत्स ने लिखा, ‘बेटा, ये देवभूमि है। इसे तो स्वयं नारायण व महादेव का आशीर्वाद प्राप्त है।’
विपिन सिंह रावत का ट्वीट है, ‘ये खुद अब उत्तराखंड के बारे में जान रहा है, इसलिए इसे ऐसा लगता है।’
एक यूजर ने लिखा, ‘इनसे पूछना चाहिए कि इनका क्या योगदान है उत्तराखंड की उन्नति में?’
एक ट्वीट है ‘इस बंदे ने बच्चों को मोबाइल का लती बनाने का काम किया है। छह से 16 वर्ष के बच्चे मोबाइल स्क्रीन से आंखें खराब कर रहे। चिड़चिड़े हो रहे।’
इसके अलावा हाल में मिलने पहुंचे दूसरे राज्यों के कुछ प्रशंसकों को थाने पहुंचाने के मामले में भी सौरभ की किरकिरी हुई। इससे अतिथि देवो भव: की परंपरा पर भी सवाल उठे।
लाने की मांग की जा रही है।