उधमसिंह नगर: जीवन कितना कठिन लगता है? कितना मुश्किल लगता है कि हमारे हिस्से तमाम खुशियां नहीं आईं। हम हर पल कितना उदास रहते हैं। बस शिकायतें करते हैं।
मगर जीवन का एक एक पल ज़रूरी है।जीवन में मुश्किलें हैं, लेकिन हमारी तकलीफें फिर भी बेहद कम हैं। यह खबर आपको अंदर से झकझोर देगी। यह खबर आपको यह बताएगी कि जीवन में परिवार और उसकी खुशी कितनी अहम है।यह कहानी उत्तराखंड के काशीपुर के एक डॉक्टर की है। आर्थिक तंगी से परेशान आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. इंद्रेश शर्मा और उनकी पत्नी ने नशीली दवा के इंजेक्शन से जान दे दी। दोनों ने साथ में जान देने का फैसला लिया। डॉक्टर की पत्नी 12 सालों से कैंसर से जूझ रही थीं और महंगे इलाज की वजह से उनकी आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो गई थी। इसलिए डॉक्टर ने सामूहिक आत्महत्या का प्लान तैयार कर लिया था, जिसकी जानकारी 12 साल के बेटे को भी थी।
मगर उन्होंने बेटे को इतने कम डोज का इंजेक्शन लगाया जिससे उसकी जान बच गई। डॉक्टर के बेटे ने बताया कि ऐसा खौफनाक कदम उठाए जाने से पहले सभी ने साथ में डिनर किया था। क्वालिटी टाइम बिताया। तीनों ने लूडो खेला और देर तक एक दूसरे का चेहरा निहारते रहे। फिर तीनों ने जान लेने का फैसला लिया।ईशान ने बताया कि उसके पिता और माता ने सुसाइड करने से पहले उसे गले से लगा लिया और फूट फूट कर रोने लगे।डबडबाई आंखों से उसके पिता ने उसे इंजेक्शन लगाया मगर शायद वह अपने बेटे को मारना नहीं चाहते थे। इसलिए उन्होंने ईशान को कम डोज़ का इंजेक्शन लगाया जिससे वह बेहोश हो गया और पति पत्नी की मौत हो गई। हादसे के बाद क्षेत्र में हड़कंप मच गया है।