मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड सरकार विकास, सुशासन और सांस्कृतिक मूल्यों की रक्षा के प्रति पूर्णतः समर्पित है। उन्होंने बताया कि क्षेत्र की कनेक्टिविटी को सुदृढ़ करने के लिए गदरपुर और खटीमा बाईपास का निर्माण, नौसर पुल सहित सड़कों का व्यापक नेटवर्क तैयार किया गया है। साथ ही, खटीमा और टनकपुर के बीच भव्य सैन्य स्मारक निर्माण की घोषणा की गई है, जिस पर जल्द कार्य शुरू होगा।

सीएम धामी ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में भी सरकार ने ठोस कदम उठाए हैं। राजकीय महाविद्यालय खटीमा में एमकॉम और एमएससी की कक्षाएं प्रारंभ की गई हैं, वहीं जनजातीय क्षेत्रों में एकलव्य विद्यालयों का संचालन हो रहा है। उन्होंने कहा कि विकास की इन पहलियों का नतीजा है कि उत्तराखंड नीति आयोग की एसडीजी इंडेक्स रिपोर्ट में सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में देश में पहले स्थान पर पहुंचा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य रोजगार सृजन में भी अग्रणी बनकर उभरा है। एक वर्ष में बेरोजगारी दर में 4.4 प्रतिशत की कमी लाकर उत्तराखंड ने राष्ट्रीय औसत से बेहतर प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा कि सरकार देवभूमि की सांस्कृतिक विरासत और सामाजिक संरचना की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
सीएम धामी ने कहा, “हमने राज्य में लैंड जिहाद, लव जिहाद और थूक जिहाद जैसी प्रवृत्तियों पर सख्त कार्रवाई की है। इसके तहत 9 हजार एकड़ से अधिक सरकारी भूमि को मुक्त, 250 अवैध मदरसों को सील और 500 से अधिक अवैध संरचनाओं को ध्वस्त किया गया है।” उन्होंने बताया कि ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के तहत सनातन धर्म को बदनाम करने वाले पाखंडियों पर भी कठोर कार्रवाई की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू कर समाज में समानता की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। वहीं, नकल विरोधी कानून से नकल माफियाओं की कमर तोड़ी गई, जिसके परिणामस्वरूप 26 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी प्राप्त हुई है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति पर काम कर रही है और पिछले चार वर्षों में 200 से अधिक भ्रष्टाचारियों को जेल भेजा गया है। सीएम धामी ने विश्वास जताया कि छठी मईया और भगवान सूर्य नारायण के आशीर्वाद से उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने का संकल्प अवश्य पूरा होगा।
कार्यक्रम में सीएम धामी ने उत्कृष्ट कार्यों के लिए डॉ. रचित सक्सेना, एडवोकेट डॉ. चंचल सिंह और यूकेजी की छात्रा समायरा मलिक को सम्मानित किया। पांच वर्षीय समायरा ने सभी भारतीय राज्यों और उनकी राजधानियों के नाम मात्र 41 सेकंड में सुनाकर अनोखा रिकॉर्ड बनाया और देश की सबसे कम उम्र की रिकॉर्ड धारक बनीं। मौके पर उनके पिता ओशो मलिक सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।