
उत्तराखंड में भूमि के डिजिटल रिकॉर्ड तैयार करने की प्रक्रिया आगे बढ़ गई है। इसके तहत पहले चरण में फ्लाइंग सर्वे (नक्शा सर्वे) के माध्यम से जानकारी एकत्रित की गई थी, अब उसका धरातल पर सत्यापन (ग्राउंड ट्रूथिंग) किया जाएगा।
इस उद्देश्य से भगवानपुर में राजस्व कर्मियों का प्रशिक्षण शुरू किया गया है। करीब 10 दिन तक चलने वाले इस प्रशिक्षण में कर्मियों को फील्ड वर्क और रोवर्स मशीनों के उपयोग की जानकारी दी जाएगी। ये रोवर्स मशीनें भूमि की डिजिटल मैपिंग में मदद करेंगी। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद टीमें अल्मोड़ा, भगवानपुर, किच्छा और नरेंद्र नगर निकायों में सत्यापन का कार्य करेंगी।
नक्शा प्रोजेक्ट के तहत अल्मोड़ा, भगवानपुर और किच्छा में पहले चरण का फ्लाइंग सर्वे पूरा हो चुका है, जबकि नरेंद्र नगर में कार्य अभी चल रहा है। चारों निकायों में स्थलीय सत्यापन का कार्य नवंबर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
स्थलीय सत्यापन के बाद अभिलेखों का मिलान और भूस्वामियों का पक्ष लिया जाएगा। इन सभी प्रक्रियाओं के बाद पहली बार डिजिटल माध्यम से भूमि का पूर्ण रिकॉर्ड तैयार हो सकेगा।
राजस्व परिषद की सचिव रंजना राजगुरु के अनुसार, “भूमि का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार होने से भूमि विवादों में कमी आएगी और योजनाओं के क्रियान्वयन में मदद मिलेगी।”