उत्तराखंड युवाओं के लिए अच्छी खबर है। जल्द ही राज्य में नौकरियों की बहार आने वाली है।
अतिथि शिक्षकों के लिए रिक्त 929 पदों को शीघ्र भरने के निर्देश माध्यमिक शिक्षा निदेशक को दिए हैं। वहीं नर्सिंग भर्ती भी जल्द शुरू होने के आसार बन रहे हैं।
प्रदेश में शिक्षकों की कमी के कारण पठन-पाठन की समस्या से जूझ रहे सरकारी माध्यमिक विद्यालयों को राहत मिली है। सरकार ने अतिथि शिक्षकों के लिए रिक्त 929 पदों को शीघ्र भरने के निर्देश माध्यमिक शिक्षा निदेशक को दिए हैं।
शिक्षा मंत्री डा धन सिंह रावत ने बीते दिनों विभागीय समीक्षा बैठक में विद्यालयों में पढ़ाई सुचारू रखने के लिए अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति के निर्देश दिए थे। शिक्षा सचिव रविनाथ रामन ने सोमवार को इस संबंध में आदेश जारी कर दिया।
आदेश में कहा गया कि सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में गणित, अंग्रेजी एवं विषयों के शिक्षकों के पद रिक्त हैं। इन पदों पर अतिथि शिक्षकों की तैनाती की जाए। अतिथि शिक्षकों को प्रतिमाह 25 हजार रुपये मानदेय दिया जाता है। दूरदराज के विद्यालय, जहां नियमित शिक्षक जाने से कन्नी काटते हैं, वहां भी अतिथि शिक्षक पठन-पाठन सुचारू रखने में योगदान दे रहे हैं।
नर्सिंग भर्ती का इंतजार कर रहे प्रशिक्षित युवाओं की उम्मीद अब पूरी होती दिख रही है। संविदा एवं बेरोजगार स्टाफ नर्सेज महासंघ के प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को इस मसले पर वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल से मुलाकात की।
प्रदेश अध्यक्ष हरीकृष्ण बिजल्वाण ने बताया कि वित्त मंत्री ने संबंधित फाइल पर अनुमोदन करते हुए जल्द नर्सिंग सेवा नियमावली का शासनादेश जारी करने का आदेश दिया है। प्रदेश में वर्ष 2011 के बाद से नर्सिंग भर्ती नहीं हुई है। जिस कारण सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कालेजों में स्टाफ नर्सों की कमी है।
वर्ष 2019 में सरकार ने पहली बार नर्सिंग भर्ती की सेवा नियमावली बनाई थी, जिसमें नर्सिंग भर्ती के लिए लिखित परीक्षा का प्रविधान किया था। इस नियमावली से दिसंबर 2020 में सरकार ने उत्तराखंड प्राविधिक परिषद के माध्यम से 2621 पदों की भर्ती निकाली। जिसमें लगभग 10 हजार अभ्यर्थियों ने आवेदन किया।
संविदा बेरोजगार नर्सों के विरोध के बाद सरकार ने भर्ती प्रक्रिया स्थगित कर उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड के माध्यम कराने का निर्णय लिया। 27 जुलाई 2020 को कैबिनेट में नर्सिंग भर्ती वर्षवार करने का निर्णय लिया गया।
21 अक्तूबर को हाईकोर्ट ने सरकार को नर्सिंग नियमावली में संशोधन की अनुमति दी। पर कैबिनेट के निर्णय और हाईकोर्ट की अनुमति पर भी नियमावली की फाइल शासन में घूम रही है।
इधर, संविदा एवं बेरोजगार स्टाफ नर्सेज महासंघ के बैनर तले प्रदेशभर के युवा नर्सिंग भर्ती की मांग को लेकर 132 दिन से धरने पर हैं। मंत्री से मिलने वालों में संगठन से गोविंद सिंह रावत, रवि सिंह रावत, महिपाल सिंह कृषाली आदि शामिल रहे।