देहरादून- सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी प्रदेश में सामान नागरिक संहिता लागू करने को लेकर काफी उत्साहित हैं. जिसे लेकर सुप्रीम कोर्ट की पूर्व रिटायर्ड जज रंजना देसाई की अगुवाई में एक पांच सदस्यीय समिति बनायीं गयी है जो जल्द से जल्द सामान नागरिक संहिता को लेकर ड्राफ्ट तैयार करना चाहती है.
इस पांच सदस्यीय समिति को मात्र छह महीनो में अपनी रिपोर्ट तैयार करनी है, हालाँकि अब ड्राफ्ट समिति इस महीने से राज्य की जनता से ऑनलाइन सुझाव आमंत्रित करने के लिए वेबसाइट तैयार कर रही है। सितंबर महीने के पहले हफ्ते में वेबसाइट के तैयार होने की संभावना है।
उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए ड्राफ्ट तैयार कर रही समिति इस महीने से नागरिकों के सुझाव लेना शुरू करेगी। नागरिकों से ये सुझाव ऑनलाइन प्राप्त किए जाएंगे। इसके लिए समिति एक वेबसाइट तैयार करा रही है, जिसमें नागरिकों के सुझाव का प्रावधान होगा। आयोग के सदस्य व पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह ने इसकी पुष्टि की है।
क्या 2024 के चुनावों की हो रही तैयारी ?
आपको बतातें चलें की अपनी दूसरी पारी के लिए मैदान संभालते ही पुष्कर सिंह धामी ने जो ऐलान सबसे पहले किया था वो था की राज्य में यूनिफार्म सिविल कोड लागू करना जहाँ अपने पहले कार्यकाल में मुख्यमंत्री धामी की तरफ से ऐसा कोई भी ईशारा नही दिया गया की अगले कार्यकाल में वो सामान नागरिक संहिता जैसा मुद्दा सामने ला सकते है.
We have decided to implement Uniform Civil Code in the state. The state cabinet unanimously approved that a committee (of experts) will be constituted at the earliest & it will implemented in the state. This will be the first state to do so: Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami pic.twitter.com/GJNAdk1XbF
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) March 24, 2022
अपनी अगुवाई में पूर्ण बहुमत लाने वाले धामी ने कांग्रेस की हवा को चुनावों में किस तरह रोका और पार्टी को 46 सीटें दिलवाकर एक नयी ऊर्जा फूंक दी, हालाँकि इस अग्नि परीक्षा में उन्हें आने विधानसभा क्षेत्र की आहुति देनी पड़ी लेकिन खटीमा से उपचुनाव जीतकर फिर एक बार आलाकमान की नज़रों में स्वम् को साबित कर दिया.
सामान नागरिक संहिता को लेकर सुप्रीम कोर्ट की रिटायर्ड जज रंजना देसाई की अध्यक्षता में जो कमिटी बनायीं गयी है वो अगले छह महीनो में ओनी रिपोर्ट पेश करेगी, यानी की इस साल के आखिर तक नवम्बर या दिसम्बर में. जिसके तुरंत बाद 23 लग जायेगा चूँकि 2024 में लोकसभा चुनाव हैं और हम जानतें हैं की इस बार के लोकसभा चुनावों विशेष महत्व रखतें हैं. वहीँ सामान नागरिक संहिता को ऐसे समय पर तैयार करना इस बात पर प्रशन चिन्ह लगाता है की कहीं यूनिफार्म सिविल कोड उत्तराखंड और देशवासियों के लिए 2024 का मुद्दा तो नहीं. हालाँकि गोवा में यूनिफार्म सिविल कोड पहले से ही लागू है.
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