पौड़ी गढ़वाल: पौड़ी जिले के कई क्षेत्र बाघ के आतंक से जूझ रहे हैं। हाल ये है कि कई जगह नाइट कर्फ्यू लगाना पड़ा है। इतना ही नहीं बाघ प्रभावित क्षेत्रों में आंगनबाड़ी केंद्र व स्कूल बंद कर दिए गए हैं। आंगनबाड़ी केंद्रों और स्कूलों की छुट्टी बढ़ा दी गई है। संबंधित क्षेत्रों में आगामी 26 अप्रैल तक शिक्षण केंद्र नहीं खुलेंगे। जिलाधिकारी के निर्देश पर रिखणीखाल व धुमाकोट के स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में 26 अप्रैल तक अवकाश घोषित किया गया है। तहसील रिखणीखाल के ग्राम डल्ला पट्टी पैनो-चार, मेलधार, क्वीराली, तोल्यूं, गाडियूं, जुई, कांडा, कोटडी और तहसील धुमाकोट में ग्राम ख्यूणांई तल्ली, ख्यूणांई मल्ली, ख्यूणांई बिचली, उम्टा, सिमली मल्ली, चमाड़ा, सिमली तल्ली, घोडकन्द मल्ला, घोडकन्द तल्ला, कांडी तल्ली, कांडी मल्ली, मन्दियार गांव, खड़ेत, गूम, बेलम क्षेत्र के अंर्तगत आने वाले सभी स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र 26 अप्रैल तक बंद रहेंगे। ऐसा करने की नौबत क्यों आई, ये भी बताते हैं।
दरअसल 13 व 15 अप्रैल को बाघ ने रिखणीखाल और धुमाकोट में दो ग्रामीणों को अपना निवाला बना लिया था। तब से वन विभाग की टीम यहां डेरा डाले हुए है। 17 अप्रैल को डीएम भी इलाके में पहुंचे और लोगों से बातचीत की। उस वक्त डीएम डॉ. आशीष चौहान ने बाघ प्रभावित इलाकों में 18 अप्रैल तक अवकाश घोषित किया था। बाद में इसे बढ़ाकर 21 अप्रैल कर दिया गया। अब अवकाश को 26 अप्रैल तक के लिए बढ़ा दिया गया है। पौड़ी के डीएम डॉ. आशीष चौहान ने कहा कि प्रभावित इलाकों में बाघ की सक्रियता देखी जा रही है। वन विभाग और प्रशासन की टीम प्रयासों में जुटी हुई है, लेकिन जब तक कोई सफलता हाथ नहीं लगती, तब तक हमें सावधान रहना होगा। उन्होंने ग्रामीणों से सतर्कता बरतने की अपील की। साथ ही बाघ को लेकर किसी प्रकार की सूचना मिलने पर कंट्रोल रूम, वन विभाग, पुलिस व प्रशासन को सूचित करने को कहा।