भाजपा जीत के बाद उत्तराखंड में नया आगाज़ देखने को मिल रहा है। कई क्षेत्रो में विकास के विभिन्न प्लान सरकार के द्वारा बनाये जा रहे है। ऐसे में शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत के द्वारा भी पहाड़ो में शिक्षा को लेकर एक नया प्लान जारी किया गया है। अब पहाड़ो में निजी स्कूल खोलने पर सरकार उन संचालको को भूमि एवं अन्य सुविधाएँ प्रदान कराई जाएँगी। शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने शिक्षा निदेशालय में निजी स्कूल संचालकों के साथ बैठक में कहा कि प्रदेश को एजुकेशन हब बनाने के लिए निजी स्कूल संचालकों को सरकार के साथ मिलकर प्रयास करने होंगे। इसके लिए उन्होंने पहाड़ में शिक्षण संस्थान खोलने के लिए कई संचालको को आमंत्रित किया और उन्हें यह आश्वासन दिया कि पहाड़ो में निजी स्कूल खोलने के लिए संचालको को भूमि और बाकि सभी ज़रूरी सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएँगी। बैठक में प्रदेश में नई शिक्षा नीति लागू करने को लेकर भी निजी स्कूल संचालकों के साथ चर्चा की गई।
उन्होंने बैठक में कहा कि गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे बच्चों को शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत निजी शिक्षण संस्थानों में 25 प्रतिशत सीटों पर अनिवार्य रूप से प्रवेश दिए जाएं। प्रवेश प्रक्रिया के समय बच्चों के अभिभावकों के आय प्रमाण पत्र बनाने के लिए तहसील स्तर पर विशेष शिविरों का आयोजन किया जाए। शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने नई शिक्षा नीति पर प्रस्तुतिकरण दिया। बैठक में स्कूल संचालकों ने कहा कि आय प्रमाणपत्र बनाने की जटिल प्रक्रिया के चलते कई छात्रों के अभिभावक आय प्रमाणपत्र नहीं बना पा रहे। यही वजह है कि उनके बच्चों का प्रवेश नहीं हो पाता। मंत्री ने कहा कि इसके लिए तहसील स्तर पर शिविर आयोजित किए जाएंगे। बैठक में निजी स्कूल संचालकों ने शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए कक्षा एक से कक्षा आठवीं तक किसी भी छात्र को अनुत्तीर्ण न किए जाने की व्यवस्था समाप्त करने की मांग की। इस पर शिक्षा महानिदेशक ने कहा कि जो छात्र समप्राप्ति स्तर को प्राप्त नहीं करते, उनका पुन: उपचारात्मक शिक्षण किए जाने की व्यवस्था है। ताकि उनकी पुन: दो माह बाद परीक्षा लेकर अपेक्षित स्तर को प्राप्त कर सके।