
रहस्मयी नर्स आत्महत्या कांड का हैरान करने वाला खुलासा” रिश्तेदार निकला आरोपी” पुलिस ने पूरे कांड का खुलासा” पढ़िए पूरी ख़बर।
रिपोर्टर: अंकिता मेहरा
हल्द्वानी। हल्द्वानी में नर्स की रहस्यमयी खुदकुशी के मामले ने नया मोड़ ले लिया है। प्रारंभ में सामान्य आत्महत्या माने जा रहे इस प्रकरण में जब पुलिस ने गहराई से जांच की, तो जो सच सामने आया उसने सभी को स्तब्ध कर दिया। महिला को आत्महत्या के लिए उकसाने वाला कोई और नहीं बल्कि उसका ही दूर का रिश्तेदार निकला, जो न सिर्फ उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहा था, बल्कि शादीशुदा होने के बावजूद उस पर लगातार शादी का दबाव बना रहा था।
मामला 27 अप्रैल 2025 का है, जब हल्द्वानी स्थित अपने घर में कार्यरत महिला नर्स ने फांसी लगाकर जान दे दी थी। पहले तो इसे पारिवारिक तनाव का मामला माना गया, लेकिन मृतका के परिजनों को कुछ संदेह हुआ। उन्होंने पुलिस को तहरीर देकर निष्पक्ष जांच की मांग की, जिसके बाद हल्द्वानी थाने में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
जांच में सामने आया चौंकाने वाला सच
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, नैनीताल के निर्देश पर एक विशेष जांच टीम गठित की गई। टीम ने तकनीकी साक्ष्य, मोबाइल कॉल रिकॉर्ड, मैसेज और सीसीटीवी फुटेज की मदद से पूरे घटनाक्रम को खंगाला। जांच में पाया गया कि महिला का पिछले कुछ वर्षों से एक युवक से संपर्क था, जिसकी पहचान मोहम्मद हारून के रूप में हुई।
हारून मुरादाबाद जनपद के ठाकुरद्वारा थाना क्षेत्र के ग्राम मुनीमपुर का निवासी है और मृतका का दूर का रिश्तेदार भी बताया जा रहा है। महिला की तीन साल पहले शादी हो चुकी थी, लेकिन हारून लगातार उसे शादी के लिए मानसिक रूप से मजबूर करता रहा। उसने कई बार धमकी भरे संदेश भेजे और महिला से जबरन पैसे भी ऐंठे।
मानसिक प्रताड़ना बनी आत्महत्या की वजह
पुलिस के अनुसार आरोपी ने महिला को बार-बार धमकाकर, ब्लैकमेल कर और भावनात्मक दबाव बनाकर मानसिक रूप से इस कदर तोड़ दिया था कि उसने आत्महत्या कर ली। परिजनों के अनुसार, महिला पिछले कुछ महीनों से बेहद तनाव में थी, लेकिन उसने किसी को कुछ नहीं बताया।
गिरफ्तारी और कानूनी कार्रवाई
जांच पूरी होने के बाद पुलिस ने आरोपी मोहम्मद हारून पुत्र मोहम्मद इशहाक (उम्र 27 वर्ष), निवासी ग्राम मुनीमपुर, थाना ठाकुरद्वारा, जिला मुरादाबाद को 11 मई 2025 को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।
क्या कहते हैं अधिकारी?
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह मामला गंभीर मानसिक उत्पीड़न और भावनात्मक शोषण का उदाहरण है। आरोपी के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने, ब्लैकमेलिंग और ठगी की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।