उत्तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस बार के विधानसभा चुनाव में अपनी ही खटीमा सीट से हार गये थे। यूँ तो इस हार के बाद धामी ने अपने मुख्यमंत्री पद से भी इस्तीफा दे दिया था लेकिन कुछ विधायक उनको मुख्यमंत्री पद पर सजता हुआ देखना चाहते थे जिसकी कई कोशिशो और बैठकों के बाद धामी को एक बार फिर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री की कमान सौंपी गई और उनको एक बार फिर उत्तराखंड का दायित्व सौंपा गया। ऐसे में पुष्कर सिंह धामी मुख्यमंत्री तो बन गये लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को 6 माह में उपचुनाव जीतकर विधायक बनकर अपना 5 साल का कार्यकाल सुरक्षित करना है। हाई कमान से मुलाक़ात कर देहरादून लौटे पुष्कर सिंह धामी ने अपने संबोधन में अपने उपचुनाव को लेकर कुछ संकेत दिए है जिसके बाद उस बात के कई सियासी मायने निकाले जा रहे है।
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने संबोधन में कहा है कि वह 22 साल सेकैंट विधान सभा में रह रहे है। उनके इस वाक्य के बाद से सभी के द्वारा कई सियासी अनुमान लगाये जा रहे है कि शायद इस बार धामी कैंट विधानसभा से चुनाव लड़ने का मन बना रहे है। इससे पहले धामी के चम्पावत से चुनाव लड़ने के कई पहलु सामने आ रहे थे लेकिन अब अचानक से कैंट से अपना 22 साल का रिश्ता जोड़ना अपने आप में कई सियासी अटकलों को जगह दे रहा है। यूँ तो कैंट शुरूआती दौर से ही भाजपा का गढ़ रहा है और फिलहाल कैंट विधानसभा से हरबंश कपूर की पत्नी सविता कपूर विधायक है लेकिन उनके उम्र के इस पड़ाव को देखते हुए धामी देहरादून से इसे आगे बढ़ाना चाहते है। फिलहाल यह तय नहीं हुआ है कि मुख्यमंत्री कहाँ से चुनाव लड़ेंगे लेकिन जानकारी के मुताबिक धामी के लिए सबसे सही और सुरक्षित सीट की तलाश की जा रही है।