लखनऊ के जानकीपुरम में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक शहीद सैनिक की पत्नी के साथ उसके ही भतीजे ने घिनौनी हरकत की। यह मामला न केवल यौन शोषण का है, बल्कि इसमें ब्लैकमेलिंग और आर्थिक धोखाधड़ी के गंभीर आरोप भी शामिल हैं। पीड़ित महिला के पति, जो कि एक बहादुर सैनिक थे, 2017 में सियाचीन में शहीद हो गए थे। शहीद की पत्नी को इस दुखद घटना के बाद सरकार से 50 लाख रुपये की आर्थिक मदद मिली थी, लेकिन यह मदद उसके भतीजे के लिए एक अवसर बन गई, जिसने उसकी स्थिति का फायदा उठाने की कोशिश की।
महिला का भतीजा, जो हरदोई का निवासी है, परिवार की देखभाल के बहाने महिला के घर आने लगा। शुरुआत में यह सब सामान्य प्रतीत होता था, लेकिन धीरे-धीरे उसने अपनी असली नीयत दिखानी शुरू कर दी। आरोप है कि उसने महिला के साथ दुराचार किया और इस घिनौनी हरकत का वीडियो बना लिया। इस वीडियो का इस्तेमाल करते हुए उसने महिला को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। जब भी महिला ने विरोध किया, आरोपी ने उसे वीडियो वायरल करने की धमकी दी और पैसे की मांग की।
महिला ने बताया कि आरोपी ने लगभग 39 लाख रुपये उसे विभिन्न किस्तों में दिए। यह रकम उसकी आर्थिक मदद से ली गई थी, जो उसने अपने पति की शहादत के बाद प्राप्त की थी। इस दौरान आरोपी ने महिला से 3 लाख रुपये के जेवर भी हड़प लिए। महिला को इस स्थिति से बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं दिख रहा था, और वह लगातार डर और चिंता में जी रही थी।
जब महिला ने भतीजे से दूरी बनाने का प्रयास किया, तो उसने अपने ही हाथ में गोली मारकर आत्महत्या करने की कोशिश की। यह घटना न केवल उसके मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर रही थी, बल्कि समाज में भी एक गंभीर संदेश दे रही थी कि कैसे एक परिवार का सदस्य ही दूसरे के लिए संकट का कारण बन सकता है।
महिला ने अंततः साहस जुटाकर लखनऊ के जानकीपुरम थाने में भतीजे के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और डीसीपी नॉर्थ जोन आरएन सिंह ने पुष्टि की है कि महिला की तहरीर पर एफआईआर दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और पीड़ित महिला को न्याय दिलाने का पूरा प्रयास किया जाएगा।
यह घटना न केवल एक व्यक्तिगत त्रासदी है, बल्कि यह समाज में महिलाओं के प्रति हिंसा और शोषण की बढ़ती प्रवृत्ति को भी उजागर करती है। महिलाओं को अपने अधिकारों के लिए लड़ने की आवश्यकता है और समाज को भी इस दिशा में जागरूक होना चाहिए।
महिला के साहस और हिम्मत की प्रशंसा की जानी चाहिए, जिसने इस कठिन समय में अपनी आवाज उठाई। यह घटना यह भी दिखाती है कि कैसे परिवार के भीतर भी विश्वासघात हो सकता है और किस प्रकार का मानसिक दबाव पीड़ितों पर डाला जा सकता है।
इस मामले से जुड़ी कई बातें अभी भी स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन पुलिस ने आश्वासन दिया है कि वे हर पहलू की जांच करेंगे और आरोपी को सजा दिलाने के लिए पूरी कोशिश करेंगे। समाज को इस तरह की घटनाओं के खिलाफ एकजुट होना होगा और महिलाओं को सुरक्षा और सम्मान देने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।