सैन्य परिवार से ताल्लुक रखती है साक्षी, पिता भी रह चुके हैं भारतीय सेना में कार्यरत, साक्षी ने ट्रेनिंग के दौरान गोल्ड मेडल भी किया हासिल….
बात सैन्य क्षेत्रों की हों या फिर सैन्य क्षेत्रों में सम्मिलित होने के लिए आवश्यक परीक्षाओं की हों, हमेशा ही देवभूमि उत्तराखंड का नाम खुद ब खुद लोगों की जुबां पर आ ही जाता है। इसके पीछे जहां एक ओर देश की सीमाओं में तैनात राज्य के वीर सपूतों के वीरता, बहादुरी, साहस एवं शौर्य के साथ ही सर्वोच्च बलिदान की हजारों वास्तविक घटनाएं है तो दूसरी ओर हमेशा से ही सेना में लालायित रहने वाले राज्य के होनहार युवाओं का जोश, जूनन और जज्बा भी है। सबसे खास बात तो यह है कि अब राज्य की बेटियां भी बड़ी संख्या में इस ओर अपने कदम बढ़ाने लगी है। आज हम आपको राज्य की एक और ऐसी ही होनहार बेटी से रूबरू कराने जा रहे हैं जो भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन गई है। जी हां.. हम बात कर रहे हैं मूल रूप से राज्य के नैनीताल जिले के हल्दूचौड़ क्षेत्र की रहने वाली साक्षी दुमका, पिता के नक्शे कदम पर चलने वाली साक्षी की इस अभूतपूर्व उपलब्धि से जहां उनके परिवार में हर्षोल्लास का माहौल है वहीं समूचे क्षेत्र में भी खुशी की लहर है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप से राज्य के नैनीताल जिले के हल्दुचौड़ क्षेत्र के दुमकाबंदर उमापति गांव की रहने वाली साक्षी दुमका भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन गई हैं। बता दें कि एक सैन्य परिवार से ताल्लुक रखने वाली साक्षी ने अपनी ट्रेनिंग कमांड हॉस्पिटल कोलकाता से पूरी की है। सबसे खास बात तो यह है कि जहां एक ओर साक्षी ने अपने बैच में टॉप किया है वहीं दूसरी ओर वह अपने शानदार प्रदर्शन के बलबूते गोल्ड मेडल हासिल करने में भी कामयाब रही है। बताया गया है कि उनकी पहली पोस्टिंग आर्मी हॉस्पिटल आरआर दिल्ली में होगी। आपको बता दें साक्षी के पिता गोपाल दत्त दुमका भी भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। साक्षी ने अपनी इस अभूतपूर्व उपलब्धि का श्रेय अपने माता-पिता एवं गुरूजनों को दिया है।