हाल ही में नोएडा में एक बड़ी नशीली पदार्थों की तस्करी का मामला सामने आया है। यह मामला तब प्रकाश में आया जब एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स ने एक डंपर को रोका, जिसमें 18 क्विंटल से अधिक गांजा भरा हुआ था। यह गांजा ओडिशा से लाया जा रहा था और इसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत लगभग 9 करोड़ रुपये है। तस्करों ने अपनी सुरक्षा के लिए डंपर के आगे एक ईको स्पोर्ट्स कार लगाई थी, जिस पर न्याय विभाग का नेमप्लेट लगा हुआ था। यह कार तस्करों में से एक, रामसागर यादव, जो आजमगढ़ जिला न्यायालय में रिकॉर्ड कीपर के पद पर तैनात है, की थी।
तस्करी का नेटवर्क
डिप्टी एसपी डॉक्टर बीनू सिंह के नेतृत्व में एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स की टीम ने इस गिरोह के खिलाफ कार्रवाई की। टीम को एक मुखबिर से सूचना मिली थी कि ओडिशा से गांजा लाकर एनसीआर के विभिन्न शहरों में बेचने का कारोबार चल रहा है। यह जानकारी मिलने के बाद टीम ने कानपुर नगर में तस्करों को पकड़ने के लिए योजना बनाई। जब टीम ने उन्हें पकड़ा, तो उनके पास से 18 क्विंटल 30 किलो 150 ग्राम गांजा, डंपर और ईको स्पोर्ट्स कार बरामद की गई।
तस्करों का खुलासा
गिरफ्तार किए गए चार तस्करों में पुंडलिक (35) निवासी रायपुर छत्तीसगढ़, संतोष यादव (45), रामसागर यादव (53) और मंगेश यादव (24) निवासी आजमगढ़ शामिल हैं। पूछताछ के दौरान तस्करों ने बताया कि वे ओडिशा से कम दाम में गांजा खरीदकर लाते हैं और इसे नोएडा सहित यूपी के अन्य शहरों में बेचते हैं। तस्करों ने यह भी बताया कि वे बरामद गांजे को एक पार्टी को बेचने के लिए नोएडा जा रहे थे।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने तस्करों से मिली जानकारी के आधार पर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। तस्करों से पूछताछ के बाद पता चला है कि उनका नेटवर्क नोएडा के अलावा कई अन्य जिलों में फैला हुआ है। इस गिरोह के खिलाफ कार्रवाई को लेकर पुलिस विभाग के अधिकारियों के साथ जानकारी साझा की जा रही है ताकि नशीले पदार्थों की तस्करी को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जा सकें।
गांजे की कीमत
गिरफ्तार किए गए गांजे की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत लगभग 9 करोड़ 15 लाख रुपये बताई जा रही है। यह अब तक यूपी में गांजे की सबसे बड़ी बरामदगी मानी जा रही है। तस्करों ने बताया कि वे ओडिशा से गांजा लाकर एनसीआर के विभिन्न शहरों में इसकी सप्लाई करते हैं। यह एक गंभीर अपराध है और इसके लिए उन्हें कड़ी सजा मिलने की संभावना है।