उत्तराखंड में जहाँ पेपर लीक को लेकर प्रदेश की धर-पकड़ का कार्य चालू हैं वहीँ एक और मामला भी है यह मामला भी शिक्षा से सम्बंधित है. आपको बतातें चलें की एक महिला ने उत्तराखंड लोक सेवा आयोग (यूकेपीएससी) के पूर्व सदस्य जय देव सिंह पर आरोप लगाते हुए कहा कि सिंह ने 2018 में आयोजित उत्तराखंड विशेष अधीनस्थ शिक्षा (प्रवक्ता संवर्ग-समूह ‘सी’) सेवा (सामान्य और महिला शाखा) परीक्षा में उनके चयन के लिए शारीरिक संबंध बनाने का दबाव बनाया गया था।
यह मामला स्वम् में काफी बड़ा है क्योंकी जहाँ पेपर लीक से जुड़े मामले के नित नए नए खुलासे हो रहे हैं वहीँ अगर महिला अभ्यर्थी की बात सच निकलती है तो नौकरियों और साक्षात्कार में उत्तीर्ण होने का एक बड़ा आरोप उत्तराखंड लोक सेवा आयोग पर लगने जा रहा है.
इस मामले को लेकर डीजीपी अशोक कुमार ने कार्यवाही करने के आदेश दे दिए हैं. महिला ने डीजीपी को शिकायती पत्र दिया था जिसमे कहा गया है कि वह मई 2019 महिला शाखा के लिए साक्षात्कार के लिए उपस्थित हुई, और साक्षात्कार बहुत अच्छा होने के बावजूद उनका चयन नहीं हुआ था। महिला का आरोप है कि जून में, जब वह सामान्य शाखा के साक्षात्कार के लिए उपस्थिति थीं, तब पैनलिस्ट जय देव सिंह ने कहा कि उन्होंने मेरा साक्षात्कार पहले भी लिया था, इसलिए अब इसकी कोई आवश्यकता नहीं है।
एक न्यूज़ पोर्टल को दिए गये अपने इंटरव्यू में महिला ने कहा की देहरादून में अपने घर के लिए निकली थी कि तभी आधे घंटे बाद उन्हें चयन आयोग से फोन आया कि उनके दस्तावेज अधूरे हैं और कहा गया कि उन्हें कल बुलाया जाएगा। महिला ने आरोप लगाया कि अगले दिन, जय देव सिंह के सहायक ने उन्हें फोन कर कहा कि सिंह उनसे मिलना चाहते हैं और 10 मिनट में एक विशेष स्थान पर पहुंचने के लिए कहा।
‘जब मैं वहां पहुंची, तो मुझे उसके सहायक का एक और फोन आया, जिसने मुझे एक अपार्टमेंट बिल्डिंग में स्थित अपने कार्यालय में आने के लिए कहा। अपने कार्यालय में, सिंह ने पहले पैसे मांगे, फिर मुझ पर शारीरिक संबंध बनाने का दबाव बनाते हुए मेरा रिजल्ट खराब करने तक की बात कही’, आरोप लगाने वाली महिला।
उत्तराखंड लोक सेवा आयोग पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, सिंह जून 2016 से सितंबर 2019 तक इसके सदस्य थे। उत्तराखंड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने कहा कि उन्होंने भी मामले की जांच के आदेश दिए हैं। एसएसपी देहरादून दिलीप सिंह कुंवर ने कहा कि वे जल्द ही मामले की जांच शुरू करेंगे और आवश्यक कार्रवाई करेंगे।